कांग्रेस और पार्टी अध्‍यक्ष सोनिया गांधी जहां एक तरफ अगस्‍ता वेस्‍टलैंड घोटाले को लेकर सत्‍ताधारी बीजेपी के आरोपों का सामना कर रहे हैं, वहीं, दूसरी ओर पार्टी उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी ने हिमाचल प्रदेश पर फोकस करने का फैसला किया है।

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लोकसभा चुनाव 2014 में कांग्रेस के बीजेपी के हाथों सभी चार सीट गंवाने के बाद पहली बार राहुल गांधी राज्‍य के दौरे पर होंगे। वे यहां 16 मई को आएंगे। इस दौरान वे पार्टी नेताओं, युवाओं और किसानों से बातचीत करेंगे। प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष सुखविंदर सुखू ने द इंडियन एक्‍सप्रेस से बातचीत में बताया, ”हमें राहुल गांधी के ऑफिस से जानकारी मिली है कि वे 16 और 17 मई को यहां होंगे। सीएम वीरभद्र सिंह से राय मशविरा करते हुए उनके दौरे का खाका तैयार किया जा रहा है।”

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शुरुआत में कांग्रेस उपाध्‍यक्ष ने कांगड़ा और मंडी जिले में रैली के अलावा शिमला में पार्टी नेताओं से बातचीत करने के बारे में योजना बनाई थी। हालांकि, अब वे पार्टी के विभिन्‍न धड़े के नेताओं और युवाओं से बातचीत करने पर जोर दे रहे हैं। सुखू ने कहा, ”वह प्रदेश कांग्रेस कमेटी के जनरल हाउस के अलावा कांग्रेस से जुड़े वकीलों, किसानों, वकीलों, महिलाओं यहां तक कि व्‍यापारियों से भी बातचीत करेंगे।” प्रदेश कांग्रेस कमेटी राहुल के कार्यक्रम का खाका इस तरह खींच रही है कि वे रैलियों में जाने के बजाए बंद दरवाजों के पीछे ज्‍यादा बातचीत करें। ऐसा इसलिए क्‍योंकि इन जनसभाओं के लिए भीड़ खींचने के लिए पार्टी को सरकारी तंत्र का इस्‍तेमाल करना होगा। हालांकि, प्रदेश कांग्रेस में फिलहाल किसी को भी राहुल के दौरे की पूरी योजना या उनके एजेंडे की जानकारी नहीं है।

राज्‍य में चुनाव होने में अब सिर्फ डेढ़ साल बचे हुए हैं और कांग्रेस मुख्‍य तौर पर एनडीए की नाकामियों पर फोकस कर रही है। हालांकि, पार्टी सीबीआई और ईडी के केसों का सामना कर रहे सीएम वीरभद्र सिंह के पीछे एकजुट खड़ी नजर आती है। वीरभद्र सिंह का बहुत सारा वक्‍त हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के चक्‍कर काटते बीत रहा है। ऐसे में विपक्ष सरकार पर सवाल उठा रही है। कांग्रेस म‍हासचिव अंबिका सोनी ने बीते महीने राज्‍य के वरिष्‍ठ कांग्रेसी नेताओं के साथ बैठक की थी। इनमें से बहुत सारे नेताओं ने वर्तमान व्‍यवस्‍था में फेरबदल की मांग की थी। उनकी मांग थी कि कैबिनेट और ब्‍यूरोक्रेसी, दोनों में बदलाव हों ताकि जनता से जुड़ी योजनाओं का क्रियान्‍वयन बेहतर हो सके, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ है। वहीं, मुख्‍यमंत्री ने परफॉर्म न करने वाले मंत्रियों या अपने वफादारों को हटाने से इनकार कर दिया है।