ओड़ीशा में शुक्रवार को हुए भीषण ट्रेन हादसे में 288 यात्रियों की मौत हो गई और 1,000 यात्री घायल हुए। दो दशक की यह सबसे भीषण रेल दुर्घटना है। इस हादसे में बंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी शामिल थी। कोरोमंडल एक्सप्रेस के 2009 में भी कुछ डिब्बे पटरी से उतर गए थे। 14 फरवरी, 2009 को हावड़ा से चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस के 14 डिब्बे ओड़ीशा में जाजपुर रेलवे स्टेशन के पास पटरी से उतरे। हादसे में 16 की मौत हो गई थी और 50 घायल हुए थे।
दो अगस्त, 1999 को ब्रह्मपुत्र मेल उत्तर सीमांत रेलवे के कटिहार डिवीजन के गैसल स्टेशन पर खड़ी अवध असम एक्सप्रेस से टकरा गई। इस हादसे में 285 से अधिक यात्री मर गए थे और 300 से अधिक जख्मी हो गए थे। पीड़ितों में सेना, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कई जवान शामिल थे। इस दुर्घटना के बाद इतनी भीषण कोई दुर्घटना नहीं हुई।
अगर देश में आज तक के सबसे भीषण हादसे की बात करें तो यह छह जून, 1981 को हुई। बिहार के खगड़िया जिले में मानसी- सहरसा रेल खंड पर बदला घाट और धमारा घाट के बीच यात्री ट्रेन के नौ डिब्बे में बागमती नदी में गिर गए थे, जिसमें एक हजार से ज्यादा लोग सवार थे। इस रेल हादसे में 800 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।
हालांकि सरकारी आंकड़ा 300 का था। मरने वालों में महिलाएं और बच्चे ज्यादा थे और जिन लोगों की मौत हुई थी, उनमें अधिकतर लोगों को तैरना नहीं आता था। खास बात यह है कि इस हादसे के बारे में सही कारण क्या थे, आज तक पता नहीं चल सका है। यह रेल हादसा दुनिया के बड़ी रेल दुर्घटनाओं में भी शामिल है।
20 अगस्त, 1995 को उत्तर प्रदेश में पुरुषोत्तम एक्सप्रेस फिरोजाबाद के पास खड़ी कालिंदी एक्सप्रेस से टकरा गई। हादसे में 305 यात्रियों की मौत हो गई थी। 26 नवंबर, 1998 को पंजाब के खन्ना में जम्मू तवी-सियालदह एक्सप्रेस, फ्रंटियर गोल्डन टेंपल मेल के पटरी से उतरे तीन डिब्बों से टकरा गई, जिससे 212 यात्रियों की जान चली गई थी। 20 नवंबर, 2016 को उत्तर प्रदेश में कानपुर से 60 किलोमीटर दूर पुखरायां में इंदौर-राजेंद्र नगर एक्सप्रेस के 14 डिब्बे पटरी से उतर गए।
इस हादसे में 152 यात्रियों की मौत हो गई और 260 अन्य घायल हो गए थे। 28 मई, 2010 को मुंबई जा रही जनेश्वरी एक्सप्रेस ट्रेन पश्चिम बंगाल में झारग्राम के पास पटरी से उतर गई और फिर एक मालगाड़ी से टकरा गई। इस हादसे में 148 यात्रियों की मौत हो गई। नौ सितंबर, 2002 को हावड़ा राजधानी एक्सप्रेस बिहार के रफीगंज में धावे नदी पर एक पुल के ऊपर पटरी से उतर गई, जिससे उसमें सवार 140 से ज्यादा यात्रियों की मौत हो गई। 23 दिसंबर, 1964 को पंबन-धनुस्कोडी पैसेंजर ट्रेन रामेश्वरम चक्रवात में बह गई, जिससे उसमें सवार 126 से अधिक यात्रियों की मौत हो गई।
विदेश में 10 साल में रेल हादसे
- 28 फरवरी, 2023 : एथेंस और थेसालोनिकी के बीच मार्ग पर एक मालगाड़ी और एक यात्री ट्रेन के बीच आमने-सामने की टक्कर में 57 लोगों की मौत हो गई।
- 10 मार्च, 2022 : कांगो के लुआलाबा प्रांत के लोकतांत्रिक गणराज्य में स्टोववेज से भरी एक मालगाड़ी पटरी से उतर गई, जिसमें कम से कम 75 लोगों की मौत हो गई और 125 अन्य घायल हो गए।
- 7 जून, 2021 : पाकिस्तान के दक्षिणी सिंध प्रांत में एक ट्रेन पटरी से उतर गई और एक अन्य यात्री गाड़ी से टकरा गई। इस हादसे में 63 लोगों की मौत हुई।
- 31 अक्तूबर, 2019 : लाहौर के पास एक धार्मिक सभा में तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक यात्री ट्रेन में आग लगने से 74 लोगों की मौत हो गई और 40 से अधिक घायल हो गए।
- 21 अक्तूबर, 2016 : कैमरून की राजधानी यौंडे से आर्थिक केंद्र डौला की ओर जाने वाली एक ट्रेन पटरी से उतर गई, जिसमें 79 लोगों की मौत हो गई और लगभग 550 अन्य घायल हो गए।
- 22 अप्रैल, 2014 : कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य के दक्षिण के एक दलदली और दुर्गम हिस्से में सैंकड़ों अवैध यात्रियों को ले जा रही एक मालगाड़ी पटरी से उतर गई, जिसमें 136 लोगों की मौत हो गई।
- 24 जुलाई, 2013 : स्पेन के उत्तर-पश्चिमी शहर सैंटियागो डे काम्पोस्टेला के पास एक तेज गति की रेलगाड़ी के कंक्रीट की दीवार से टकरा जाने से 80 लोगों की जान गई और 140 लोग घायल हो गए।