Odisha Politics: ओडिशा की सियासत में पिछले विधानसभा चुनाव में मुख्य लड़ाई बीजेपी और बीजेडी के बीच थी। बीजेपी ने लंबे अरसे के संघर्ष के बाद राज्य में सरकार बनाई है। दूसरी ओर राष्ट्रीय राजनीति में मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ओडिशा की सियासत में हाशिए पर है। पिछले 25 साल से पार्टी यहां सत्ता से बाहर है लेकिन अब पार्टी यहां अपनी वापसी के लिए आक्रामक नजर आ रही है।
कांग्रेस पार्टी राज्य में कानून व्यवस्था और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बीजेपी सरकार पर हमलावर है। पिछले महीने ही कांग्रेस आलाकमान ने राज्य में पार्टी की कमान दलित चेहरे भक्त चरण दास को दी थी, जो कि सड़क पर उतरकर सरकार को घेरने में ज्यादा यकीन रखते हैं। उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि उन्हें कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने से लेकर उन्हें एकजुट करना है। पार्टी साल 2000 से लगातार करारी हार झेलती आ रही है।
महिला सुरक्षा के मुद्दे पर आक्रामक कांग्रेस
पिछले दिनों में भक्त चरण दास ने एआईसीसी के नए प्रभारी अजय कुमार लल्लू के साथ मिलकर महिलाओं के खिलाफ अत्याचार को लेकर बीजेपी के खिलाफ कैंपेन करने की रणनीति बना ली। कांग्रेस विधायक सोफिया फिरदौस ने आरोप लगाया कि BJP के सत्ता में आने के बाद से राज्य में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के 1,600 से अधिक मामले सामने आए हैं, जिनमें 54 सामूहिक बलात्कार के मामले शामिल हैं।
कांग्रेस विधायक ने आरोप लगाया है कि कक्षा 6 और 10 में पढ़ने वाली लड़कियों के साथ दिल दहला देने वाले मामले मलकानगिरी, जाजपुर और सीएम के गृह जिले क्योंझर तक में हुई हैं। ये दिल दहला देने वाले मामले ओडिशा के शासन की विफलताओं को उजागर करते हैं और आवश्यकता यह है कि इस मामले में तत्काल आक्रामक कार्रवाई की जाए।
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अपराध के बढ़ते ग्राफ को बनाया मुद्दा
कांग्रेस पार्टी की खास बात यह रही कि महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर पार्टी बीजेपी सरकार के खिलाफ बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं को सड़क पर उतारने में कामयाब रही। हीं पार्टी ने इस मुद्दे को लोकसभा में भी उठाया। पार्टी के कोरापुट के सांसद सप्तगिरि उलाका ने 12 मार्च को सदन में इस खतरनाक प्रवृत्ति के बारे में अपनी आवाज उठाई थी। विधानसभा में दिए गए जवाब के आधार पर पार्टी ने आरोप लगाया कि 2020 से 2024 के बीच ओडिशा में 36,420 महिलाएं और 8,404 बच्चे लापता हुए हैं। विपक्षी दल ने कहा कि 2024 में महिलाओं के खिलाफ अपराध 8% बढ़ गए हैं।
विधानसभा में कांग्रेस विधायकों ने कार्यवाही बाधित की, पहले मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी से बयान की मांग की और फिर सदन की समिति से जांच की मांग की। काले कपड़े पहने विधायकों ने सदन में घंटियां और झांझ बजाकर अपना विरोध दर्ज कराया, जिसके बाद बुधवार को 14 विधायकों को एक सप्ताह के लिए विधानसभा से निलंबित कर दिया गया।
‘सरकार हमें चुप नहीं करा सकती’
राज्य कांग्रेस अध्यक्ष भक्त चरण दास ने पार्टी के नेतृत्व में प्रदर्शन किया और राज्य सरकार की महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा में कथित विफलता के बारे में अपना संदेश फैलाने के लिए विधानसभा का घेराव करने की घोषणा की। विरोध प्रदर्शन के दौरान विधानसभा की ओर मार्च करते समय कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प हुई।
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भक्त चरण दास ने कहा कि सरकार पुलिस का इस्तेमाल करके हमें चुप नहीं करा सकती और कांग्रेस ऐसी किसी भी रणनीति से डरती नहीं है। आने वाले दिनों में हम इस लड़ाई को सड़कों और हर गांव तक ले जाएंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी हर जिले में नारी न्याय सत्याग्रह शुरू करेगी।
महिला सुरक्षा के मुद्दे पर ही हारी थी कांग्रेस
इस मामले में कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में 1999 में एक कुख्यात सामूहिक बलात्कार की घटना के कारण सड़कों पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे, जिसके कारण सरकार गिर गई थी। यह घटना आज भी पार्टी को परेशान करती है। राज्य में हर साल ऐसे हजारों जघन्य अपराध सामने आ रहे हैं। महिलाओं की सुरक्षा यहां एक बड़ा मुद्दा है और हम इस मुद्दे को उठाएंगे।
महिलाओं का मुद्दा क्यों है ज्यादा अहम
कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि भक्त चरण दास को इस बात का श्रेय दिया जाना चाहिए कि वे अब तक राज्य इकाई में सभी गुटों को साथ लेकर चलने में कामयाब रहे हैं। उनके अनुसार, महिला सुरक्षा मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन पार्टी को कैडर में फिर से ऊर्जा भरने का मौका दे रहा है।
बीजू जनता दल की दो दशक से ज़्यादा समय तक सत्ता पर पकड़ केवल इसलिए रही क्योंकि महिलाओं का एक बड़ा वर्ग उनके साथ था। पिछले साल, जब बीजेपी को लगा कि वह सत्ता के करीब पहुंच रही है, तो उसने खुद ही सुभद्रा योजना को बढ़ावा दिया, ताकि महिला मतदाताओं के बीच बीजेडी का समर्थन कम किया जा सके।
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कांग्रेस के आरोपों पर क्या बोली BJP
कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि 2024 के चुनावों तक, महिलाएं बीजेडी के साथ थीं क्योंकि इसके कई महिला-केंद्रित कार्यक्रम और मिशन शक्ति पहल थी। बीजेपी ने सुभद्रा योजना के वादे के साथ इस वोट बैंक में सेंध लगाने में कामयाबी हासिल की है। इसमें हर महिला को 50,000 रुपये देने का आश्वासन दिया गया था। भले ही बीजेपी सरकार ने इस योजना को शुरू किया और इसे प्राथमिकता वाला कार्यक्रम बनाया, लेकिन अगर महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं तो यह सिर्फ़ दिखावा ही साबित होगा। हम इस संदेश को जमीनी स्तर तक ले जाएंगे।
कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए ओडिशा बीजेपी अध्यक्ष मनमोहन सामल ने कहा कि पार्टी को इस बात पर आत्मचिंतन करने की जरूरत है कि लोगों ने उसे क्यों खारिज कर दिया। ओडिशा में 40 साल से ज़्यादा समय तक राज करने वाली कांग्रेस का वोट शेयर लगातार गिरता जा रहा है। 2019 में इसका वोट शेयर गिरकर 16.12% रह गया। इस दौरान यह बीजेपी से पिछड़कर तीसरे नंबर पर आ गई. पिछले साल इसका वोट शेयर और गिरकर 13.26% रह गया, जबकि विधानसभा में इसकी संख्या नौ से बढ़कर 14 हो गई।