एमएसपी पर फसल न बिकने की वजह से ओडिशा में एक किसान का डेढ़ लाख रुपए का घाटा हो गया। उन्होंने इस बात से आजिज आकर खुदकुशी कर ली, जबकि राज्य सरकार ने उनकी मौत को दुर्घटना के केस के तौर पर दर्ज किया।
मृत किसान की शिनाख्त 45 साल के कैबल्य रोहिदास के रूप में हुई है। वह संबलपुर के पश्चिमी जिले से ताल्लुक रखते हैं। पेस्टिसाइड (कीटनाशक) के सेवन किए जाने के दो दिन बाद शुक्रवार को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। बेटे दशरथ ने बताया कि वह आर्थिक और मानसिक तनाव से जूझ रहे थे। एमएसपी न मिलने की वजह से उन्हें कम दाम पर फसल बेचनी पड़ी, जिसके चलते डेढ़ लाख रुपए का नुकसान हो गया।
बेटे ने बताया, “रबी सीजन हमारे लिए खासा फायदेमंद नहीं होता। बारिश की वजह से पैदावार कम होती है। फसल 200 किलो के आसपास ही थी। मेरे पिता टोकन व्यवस्था के तहत कुल फसल में सिर्फ 45 फीसदी ही बेच पाए थे। शेष को बहुत कम पर बेचना पड़ा। खराब मौसम के दौरान उन पर 70 हजार रुपए का लोन भी था, जिसे उन्हें चुकाना था।”
हैरत की बात है कि पुलिस ने किसान की आत्महत्या को दुर्घटना से होने वाली मौत बताया है। अफसरों ने भी जिला स्तर की जांच शुरू कर दी है। धानकौड़ा बीडीओ (ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर) बसंत हती ने बताया, “हम मामले की जांच कर रहे हैं। धान खरीदी और संकटकालीन बिक्री की जानकारी भी ली जा रही है।”
इससे एक महीने पहले, रबी मौसम के दौरान धान खरीद में कुप्रबंधन के आरोप के बाद चीफ सेक्रेट्री सुरेश महापात्रा ने सभी कलेक्टरों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि खरीफ सीजन के दौरान किसी भी किसान को अपनी उपज सरकार को बेचने में परेशानी का सामना न करना पड़े।