ओडिशा में चक्रवाती तूफान ‘दाना’ का असर शुक्रवार सुबह 8:30 बजे तट पर पहुंचने के साथ ही खत्म हो गया। मौसम विभाग (IMD) ने बताया कि चक्रवात की प्रक्रिया गुरुवार देर रात शुरू हुई और लगभग साढ़े आठ घंटे बाद पूरी हो गई। राज्य सरकार ने चक्रवात के संभावित खतरे को देखते हुए 5,84,888 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। इनमें से अधिकतर लोग 6,008 चक्रवात आश्रय स्थलों में ठहराए गए हैं, जहां भोजन, पानी और दवाओं की जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। बालासोर, मयूरभंज, भद्रक, जाजपुर और केंद्रपाड़ा जैसे जिलों से सबसे अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। इस आपदा के दौरान राहत की बात यह रही कि कई गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया, जिनमें से 1,600 ने बच्चों को जन्म दिया, और कई बच्चों का जन्म आश्रय स्थलों पर ही हुआ। इनमें से कई परिवारों ने नवजात शिशु का नाम ‘दाना’ ही रख दिया।
आश्रय स्थलों में थीं साढ़े चार हजार गर्भवती महिलाएं
आश्रय स्थलों पर पहुंचाई गईं महिलाओं में से कई गर्भवती थीं। इन महिलाओं के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। सीएम माझी ने मीडिया को बताया कि चक्रवात के चलते 4,431 गर्भवती महिलाओं को वहीं बनाए गए स्वास्थ्य केंद्रों में शिफ्ट किया गया, जिनमें से 1,600 महिलाओं ने सुरक्षित रूप से बच्चों को जन्म दिया। इनमें से एक घटना कटक जिले की है, जहां साई स्वप्ना बेहरा नामक महिला को नियाली अस्पताल में सुरक्षित रूप से बच्चे को जन्म देने में मदद की गई। राज्य सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने पुष्टि की कि मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।
इसी तरह राज्य के भद्रक जिले के धुसुरी में चक्रवात ‘दाना’ के कहर के बीच एक महिला ने स्वस्थ बेटे को जन्म दिया। परिवार के अनुसार, अस्पताल से कॉल आया कि चक्रवात के कारण गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। कुछ घंटों बाद महिला को प्रसव पीड़ा हुई, और उसने एक 3.80 किलोग्राम के स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। परिवार ने इस खास मौके को चक्रवात के नाम से जोड़ने का फैसला किया है। मां ने बताया, “चूंकि उसका जन्म तूफान के दौरान हुआ, इसलिए परिवार उसका नाम ‘दाना’ रखने की योजना बना रहा है।”
नन्हे मेहमानों के आने से घरों और परिवारों में खुशियां
परिवार के एक सदस्य ने उत्साहित होकर कहा, “हम चक्रवात से चिंतित थे, लेकिन अब इस बच्चे के आने से सब बदल गया। उसका जन्म सुबह 10:15 बजे हुआ, और यह हमारे परिवार के लिए एक अनमोल क्षण है।” परिवार के लोग अब इस नन्हे मेहमान के आने से बेहद खुश हैं, जिसने संकट के बीच उनके जीवन में नई रोशनी ला दी है।
इससे पहले मुख्यमंत्री माझी ने पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को ओडिशा सरकार की तैयारियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने राज्य द्वारा उठाए गए कदमों पर संतोष जताया है। माझी ने कहा कि राज्य ने शुरू में 10 लाख लोगों को निकालने का लक्ष्य रखा था, लेकिन चक्रवात ‘दाना’ के बदलते प्रक्षेपवक्र को देखते हुए इसे समायोजित किया गया।
बालासोर जिले में सबसे अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, जहां 172,916 लोगों को निकाला गया। इसके बाद मयूरभंज में 1 लाख, भद्रक में 75,000, जाजपुर में 58,000 और केंद्रपाड़ा में 46,000 लोगों को सुरक्षित किया गया है। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि सभी हाई रिस्क इलाकों से लोगों को सफलतापूर्वक निकाल लिया गया है, और राहत कार्य जारी रहेगा।
चक्रवात के मद्देनजर राज्य के आपदा प्रतिक्रिया दल पूरी सतर्कता से काम कर रहे हैं। वे न केवल लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं बल्कि चिकित्सा सुविधाएं भी उपलब्ध करा रहे हैं। ओडिशा सरकार का यह प्रयास आपदा प्रबंधन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जहां हर संभव प्रयास किया जा रहा है कि किसी भी व्यक्ति को संकट के समय में असुरक्षित महसूस न हो।