दिल्ली की तर्ज पर मुम्बई में भी निजी वाहनों के सम-विषम नियम को मुम्बई में लगाने की मांग करते हुए बंबई उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गयी है। जनहित याचिका में दलील दी गयी है कि शहर के बाशिंदे वाहनों से निकलने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड और ठोस अपशिष्टों के जलाये जाने एवं उसके निस्तारण के अन्य तरीकों से वायु प्रदूषण होने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
याचिका में कहा गया है कि वैसे मुम्बई में दिल्ली से कम वाहन है लेकिन भीड़भाड़ वाली सड़कों, समुद्र तट की वजह से विस्तार के लिए स्थानाभाव एवं डीजल वाहनों की बढ़ती संख्या के कारण वाहनों से उत्सर्जन में शीर्ष पर है। याचिका में कहा गया है कि दिल्ली में हवा की निम्न गुणवत्ता की वजह से सम-विषम पैटर्न लागू किया गया। मुम्बई में वायु प्रदूषण के स्तर को नीचे लाने के लिए यहां भी ऐसा ही किया जाना चाहिए।
जनहित याचिका में प्रशासन को वायु प्रदूषण विशेषकर वाहनों एवं अन्य माध्यमों से होने वाले वायु प्रदूषण का विश्लेषण करने तथा उसे कम करने एवं नियंत्रित करने के लिए उपायों को लागू करने एक समिति बनाने का निर्देश देने की मांग की गयी है। याचिकाकर्ता शादाब पटेल ने शहर में डीजल वाहनों की बिक्री, उपयोग और पंजीकरण के लिए नियमावली बनाए जाने की भी मांग की है। याचिका में राज्य सरकार के जनस्वास्थ्य विभाग, बृहन्मुम्बई महानगरपालिका, महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय को पक्षकार बनाया गया है।