महाराष्ट्र में चल रही बीजेपी की अगुवाई वाली महायुति सरकार में एक नया झगड़ा सामने सामने आया है। फडणवीस सरकार में राज्य मंत्री मेघना साकोरे-बोर्डिकर और महायुति के कई विधायकों ने ओबीसी विभाग के अंतर्गत आने वाली एक योजना में फंड के आवंटन को लेकर आपत्ति जताई है। यह मामला आगे बढ़कर मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच गया है और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई की है।
आइए, यह पूरा मामला आपको समझाते हैं।
महाराष्ट्र सरकार के अन्य पिछड़ा बहुजन कल्याण विभाग के अंतर्गत एक योजना राज्य में चलती है। योजना का नाम वसंतराव नाइक तांडा बस्ती सुधार योजना है। इस योजना के तहत राज्य सरकार ने 75 करोड़ रुपए का आवंटन किया था लेकिन फडणवीस सरकार में मंत्री और कुछ विधायकों ने इस फंड को वापस लेने की मांग की है।
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अन्य पिछड़ा बहुजन कल्याण विभाग या मंत्रालय बीजेपी के नेता अतुल सावे के पास है। इस मामले में राज्य मंत्री मेघना साकोरे-बोर्डिकर की नाराजगी के अलावा शिवसेना के शिंदे गुट के एक विधायक ने अतुल सावे को पत्र लिखा है।
मेघना साकोरे-बोर्डिकर परभणी जिले की जिंतूर विधानसभा सीट से विधायक हैं। मंत्री के मुताबिक, उन्होंने जितने काम बताए थे, उनमें से एक भी काम को उनके जिले में होने वाले कामों की लिस्ट में शामिल नहीं किया गया। अन्य पिछड़ा बहुजन कल्याण विभाग ने परभणी जिले में 4.45 करोड़ रुपये के कामों को मंजूरी दी थी।
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विधायक ने दी धरना देने की चेतावनी
मंत्री ने इस मामले में अतुल सावे को पत्र लिखकर नाराजगी जताई और कहा कि नियमों का पालन किए बिना ही गैर जरूरी कामों को मंजूरी दे दी गई है। इसके अलावा शिवसेना शिंदे गुट के एक विधायक ने सत्ता पक्ष के बजाय विपक्ष को पैसे देने का आरोप लगाया है और धरना देने तक की चेतावनी दी है।
नांदेड़ जिले की मुखेड़ विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक तुषार राठौड़ और हदगांव विधानसभा सीट से शिवसेना शिंदे गुट के बाबूराव कदम-कोहलीकर ने भी सावे को पत्र लिखा है।
इन विधायकों के अलावा नांदेड़, हिंगोली, जालना, परभणी और बुलढाणा के कई अन्य महायुति गठबंधन के विधायकों ने योजना के तहत धन जारी करने से पहले उन्हें भरोसे में नहीं लेने के लिए मंत्री के सामने विरोध दर्ज कराया है। The Indian Express के मुताबिक, सूत्रों के बताया है कि इतनी सारी शिकायतें सामने आने के बाद फडणवीस ने मुखेड़ तहसील में फंड के आवंटन पर रोक लगा दी है।
शाह से मिले थे शिंदे
कुछ दिन पहले जब उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात हुई थी तो इस तरह की चर्चा सामने आई थी कि शिंदे नाराज हैं। हालांकि महायुति गठबंधन की ओर से इसे शिष्टाचार भेंट बताया गया था। यह कहा गया था कि शिंदे ने अपनी कुछ शिकायतों को शाह के सामने रखा है। खबरों के मुताबिक, शिवसेना शिंदे गुट अपने सहयोगी दलों से कई मुद्दों पर नाराज है और खास तौर से वित्त मंत्री और एनसीपी के मुखिया अजित पवार से उसकी नाराजगी है।
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