भारतीय जनता पार्टी की निलंबित नेता नूपुर शर्मा की विवादित टिप्पणी के बाद देश पर साइबर हमला किया गया था। इस बात का खुलासा अहमदाबाद की साइबर क्राइम यूनिट ने किया है। नूपुर शर्मा की टिप्पणी को लेकर इंडोनेशिया और मलेशिया के हैकर्स ने दुनिया के बाकी हैकर्स से साथ आने की अपील की थी। इसके बाद भारत पर साइबर अटैक किया गया था। उन्होंने कहा कि हैकर समूह ड्रैगन फोर्स मलेशिया और हैक्टिविस्ट इंडोनेशिया ने साइबर हमले शुरू किए और दुनिया भर के मुस्लिम हैकरों से भारत पर साइबर हमले शुरू करने की अपील की थी।
अहमदाबाद की साइबर अपराध टीम के अधिकारियों ने हैकर समूहों के खिलाफ लुकआउट नोटिस के लिए मलेशियाई और इंडोनेशियाई सरकारों और इंटरपोल को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि ठाणे पुलिस, आंध्र प्रदेश पुलिस और असम में एक समाचार चैनल सहित दो हजार से अधिक वेबसाइटों को हैक किया गया है।
एक लाइव प्रसारण के दौरान न्यूज चैनल अंधेरा हो गया और पाकिस्तान का झंडा दिखाई दिया। उसमें लिखा- “पवित्र पैगंबर हजरत मोहम्मद’ का सम्मान करें” चैनल के निचले बैंड पर टिकर पर लिखा- ‘टीम क्रांति पीके द्वारा हैक किया गया’ चलता दिखा।
साइबर अपराधियों ने नुपूर शर्मा के पते सहित उनके व्यक्तिगत विवरण को भी ऑनलाइन प्रसारित किया। कई लोगों के आधार कार्ड और पैन कार्ड की डिटेल भी ऑनलाइन लीक हो गई है। बता दें, नूपुर शर्मा की टिप्पणी को लेकर खाड़ी देशों समेत कई इस्लामिक देशों ने आपत्ति जताई थी। इसके बाद बीजेपी ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया था।
नूपुर शर्मा के समर्थन में 117 लोगों ने सुप्रीम कोर्ट को लिखा था खुला खत
नूपुर शर्मा से जुड़े विवाद में सुप्रीम कोर्ट को 117 लोगों ने ओपन लेटर लिखा है। ये लेटर नूपुर शर्मा पर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों जस्टिस सूर्यकान्त और जस्टिस जेबी पारदीवाला द्वारा की गई विवादित टिप्पणी के खिलाफ लिखा गया है जिसे ‘दुर्भाग्यपूर्ण और गलत उदाहरण पेश करने वाला’ बताया गया है। इस पत्र को 15 पूर्व जज, 77 रिटायर्ड नौकरशाह और 25 पूर्व सैन्य अफसरों ने लिखा है। इस पत्र में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी ने लक्ष्मण रेखा को लांघने का काम किया। इसके साथ ही कोर्ट से इसमें सुधार की मांग की गई थी।