हरियाणा के नूंह में 31 जुलाई को हिंसा हुई थी। हिंसा में 6 लोगों की हत्या कर दी गई थी। वहीं हिंसा के बाद गुरुग्राम और फरीदाबाद में भी तनाव दिखा। इसके बाद कई जगहों पर मुस्लिमों के आर्थिक और सामाजिक बहिष्कार का ऐलान भी किया गया। अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।
कपिल सिब्बल ने दायर की अर्जी
मुस्लिमों के आर्थिक और सामाजिक बहिष्कार के पोस्टर भी जारी किए गए। वहीं अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच के समक्ष एक अर्जी दाखिल की है और कहा है कि कृपया आप जल्द दखल दीजिए।
सुप्रीम कोर्ट में शाहीन अब्दुल्ला की ओर से दाखिल अर्जी पर अपना पक्ष रखते हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि हिंसा के बाद ऐसे कई कार्यक्रम हुए हैं, जिसमें मुसलमानों के आर्थिक और सामाजिक बहिष्कार की अपील की गई है। कपिल सिब्बल ने डीवाई चंद्रचूड़ से कहा कि यह सब आपत्तिजनक है और आपको इसमें दखल देना चाहिए।
CJI से कपिल सिब्बल ने की अपील
कपिल सिब्बल ने कहा कि गुरुग्राम में जो हो रहा है वह बेहद गंभीर मामला है। वहां पुलिस वालों की मौजूदगी में लोगों को चेतावनी दी गई है कि यदि आप मुसलमानों की दुकान में नौकरी करेंगे तो आप गद्दार कहलाएंगे। इसलिए हमने अर्जी दाखिल की है और आप लंच टाइम में इसे जरूर देखें।
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की गई थी और विश्व हिंदू परिषद के कार्यक्रमों को बैन करने की मांग की गई थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हेट स्पीच ना दी जाए। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासन से कहा था कि वह कार्यक्रमों की वीडियो रिकॉर्डिंग करें, ताकि किसी भी भाषण की पूरी जानकारी रहे।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी में 2 अगस्त का एक वीडियो भी लगाया गया था। यह वीडियो हिसार का बताया जा रहा है। इस वीडियो में दुकानदार और स्थानीय नागरिकों को कहा जा रहा है कि अगर वह मुसलमानों को कम पर रखते हैं, तो उनका बायकाट किया जाएगा।