दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने वीर सावरकर, भगत सिंह और सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा लगाई थीं। कांग्रेस से जुड़े छात्र संगठन एनएसयूआई ने सावरकर की प्रतिमा पर जूते का हार डाल दिया है। साथ ही, उसका चेहरा काले रंग से पोत दिया है। गुरुवार (22 अगस्त) को एनएसयूआई ने अपनी इस हरकत की जिम्मेदारी भी ली। संगठन के नेताओं ने बताया कि उन्होंने एबीवीपी द्वारा दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) द्वारा विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित वीर सावरकर की प्रतिमा पर कालिख पोत दी है।

प्रतिमा लगाने पर हुआ था विवाद: गौरतलब है कि आरएसएस से जुड़े एबीवीपी की अगुवाई वाले डूसू ने मंगलवार को कला संकाय के बाहर वीर सावरकर, भगत सिंह और नेताजी सुभाषचंद्र बोस की आवक्ष प्रतिमाएं स्थापित की थीं। छात्र संगठनों ने इस कदम की आलोचना करते हुए कहा था सावरकर को बोस और सिंह के साथ एक ही स्थान पर नहीं रखा जा सकता।

National Hindi News, 22 August 2019 LIVE Updates: देश-दुनिया की तमाम अहम खबरों के लिए क्लिक करें

20 सदस्यों ने पोती कालिख: एनएसयूआई ने बताया कि एनएसयूआई के करीब 20 सदस्यों ने सावरकर की प्रतिमा पर कालिख पोती है। उस दौरान उन्होंने ‘भगत सिंह अमर रहें और बोस अमर रहें के नारे भी लगाए।’’ एनएसयूआई के दिल्ली प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अक्षय लकड़ा ने कहा, ‘‘वे बोस और भगत सिंह के साथ सावरकर की प्रतिमा कैसे लगा सकते हैं, वह भी रातोंरात। हमें मामले को अपने हाथ में लेना पड़ा। विश्वविद्यालय प्रशासन भी इस मामले में चुप्पी साधे था। विश्वविद्यालय एबीवीपी के इशारों पर काम कर रहा है।’’ एपीवीपी ने इसे ‘जघन्य कृत्य’ बताया है।

एबीवीपी ने जताई नाराजगी: एबीवीपी की राष्ट्रीय मीडिया संयोजक मोनिका चौधरी ने कहा, ‘‘एनएसयूआई ने वीर सावरकर की प्रतिमा का निरादर किया है। यह जघन्य कृत्य है और यह हरकत भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी को लेकर कांग्रेस की सोच दर्शाती है। एबीवीपी छात्रों को एनएसयूआई और इसके मूल संगठन की इस नकारात्मक विचारधारा से अवगत कराएगी।’’

[bc_video video_id=”5802502084001″ account_id=”5798671092001″ player_id=”JZkm7IO4g3″ embed=”in-page” padding_top=”56%” autoplay=”” min_width=”0px” max_width=”640px” width=”100%” height=”100%”]

डीयू प्रशासन ने डूसू से मांगा जवाब: चौधरी ने कहा,‘‘इस हरकत के लिए एबीवीपी डीयू प्रशासन से स्वतंत्रता सेनानी का अपमान करने में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की अपील करती है।’’ इस बीच सूत्रों ने बताया कि डीयू की प्रॉक्टर नीता सहगल ने डूसू के पूर्व अध्यक्ष शक्ति सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उन्होंने यूनिवर्सिटी प्रशासन से अनुमति लिए बिना प्रतिमा लगाने पर 24 घंटे में जवाब मांगा है। बता दें कि डूसू के अध्यक्ष के तौर पर शक्ति सिंह का कार्यकाल 21 अगस्त को समाप्त हो गया है। अगले चुनाव 12 सितंबर को होंगे।