लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन की बदौलत अब कुछ दलों से राष्ट्रीय पार्टी का तमगा छीन सकता है। ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (TMC), शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) को मिला राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा समाप्त हो सकता है। इकोनॉमिक्स टाइम्स में छपी ख़बर के मुताबिक इसी सप्ताह भारतीय चुनाव आयोग इन दलों को नोटिस भी भेजना वाला है। लोकसभा चुनाव में इन दलों ने बतौर राष्ट्रीय पार्टी अपना आधार कायम नहीं रख पाया है। जिसके बाद आयोग ने कार्रवाई अमल में लाने की सोची है।
चुनाव आयोग के रूलबुक के मुताबिक राजनीतिक दल को ‘राष्ट्रीय पार्टी’ का दर्जा उसी सूरत में मिल सकता है या कायम रह सकता है, जब लोकसभा चुनाव में उसके उम्मीदवार 6% वोट हासिल करें या फिर पार्टी विशेष के 4 सांसद किसी भी राज्य से दोबारा चुनकर संसद जाएं। इस बार चुनाव आयोग 2014 लोकसभा चुनाव के बाद जैसा ढील नहीं छोड़ना चाहता। बताया जा रहा है कि आयोग की इस कार्रवाई के बाद देश में राष्ट्रीय पार्टियों की संख्या 8 से घटकर अब 5 रह जाएगी।
वर्तमान में 8 राजनीतिक दलों को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल है। इनमें कांग्रेस, बीजेपी, सीपीएम, सीपीआई, बीएसपी, एनसीपी और एआईटीसी शामिल हैं। 2014 में भी टीएमसी, एनसीपी, सीपीआई और मायावती की बीएसपी को आयोग की तरफ से नोटिस भेजा गया था। हालांकि, इस बार बीएसपी इस दायरे में नहीं है। क्योंकि, इस पार्टी की मौजूदगी कई राज्यों में है। जबकि, टीएमसी, एनसीपी और सीपीआई का बाकी राज्यों से नदारद हैं। इसके पहले पूर्वोत्तर के राज्यों में एनसीपी की ठीक-ठाक मौजूदगी रहती थी, जो इस बार नहीं है। वहीं, ममता बनर्जी की पार्टी ने भी पश्चिम बंगाल के बाहर कुछ खास दमखम नहीं दिखाया है।

