nuclear program अपने परमाणु और बैलेस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों से डरा रहे उत्तर कोरिया के खिलाफ प्रतिक्रिया व्यक्त करने में समन्वय स्थापित किया जा सके। इसके अलावा चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ आमने-सामने की बैठक की पूर्व संध्या पर बाइडेन ने प्रशांत क्षेत्र में चीन के आक्रामक रुख पर काबू पाने के लिहाज से जानकारी भी ली है।
बाइडेन ने जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा से मुलाकात की और उनका दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यून सुक येओल के साथ भी बैठक का कार्यक्रम है। कंबोडिया में ‘ईस्ट एशिया समिट’ से इतर तीनों नेता एक साथ बैठेंगे। यह बैठक तब हो रही है, जब हाल के हफ्तों में उत्तर कोरिया ने दर्जनों मिसाइलें दागी हैं। इनमें 10 दिन पहले दागी गई अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल भी शामिल है।
इस मिसाइल के कारण उत्तरी जापान में बचाव संबंधी अलर्ट जारी करना पड़ा था। जापान ने यह भी चेतावनी दी है कि अलग-थलग पड़ा उत्तर कोरिया आने वाले हफ्तों में अपना सातवां परमाणु परीक्षण कर सकता है। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन के मुताबिक, बाइडेन का मकसद इस बैठक का इस्तेमाल उत्तर कोरिया द्वारा उत्पन्न खतरे के प्रति तीनों देशों की संयुक्त प्रतिक्रिया को मजबूत करना है। दिसंबर 2017 के बाद से पहली बार कोरियाई प्रायद्वीप में बम वर्षक युद्धक विमान तैनात किए गए हैं। इस क्षेत्र में संयुक्त वायुसैनिक अभ्यास के दौरान कुल 240 युद्धक विमान तैनात किए गए जिनमें एफ-35 भी शामिल हैं।
बाइडेन ने कहा कि उनकी योजना राष्ट्रपति पर इस बात के लिए दबाव डालने की है कि वह उत्तर कोरिया पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल उसके आक्रामक रुख को काबू में करने के लिए करें। इंडोनेशिया के बाली में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर बाइडेन और शी के बीच होने वाली व्यापक द्विपक्षीय वार्ता से भी यही उम्मीद की जा रही है।
बाइडेन ने कहा कि वे ऐसा करने का फैसला लेते हैं या नहीं, यह उन पर निर्भर है। सुलिवन ने कहा कि उत्तर कोरिया की बदतर प्रवृत्तियों पर काबू पाने में सकारात्मक भूमिका निभाने के प्रति चीन की रुचि है। बाइडेन राष्ट्रपति बनने के बाद सोमवार को चीन के राष्ट्रपति से आमने-सामने बैठकर बात करेंगे।
उइगर मुस्लिमों समेत अन्य अल्पसंख्यकों के मानवाधिकार के उल्लंघन, हांगकांग के लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं पर कहर बरपाने, दमनकारी व्यापार गतिविधियों, स्वाशासित ताइवान के खिलाफ सैन्य उकसावे और यूक्रेन के खिलाफ रूसी युद्ध पर मतभेद को लेकर बाइडेन कई बार चीन की आलोचना कर चुके हैं।

