विशेष एमपी/एमएलए अदालत ने बृहस्पतिवार को भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी के खिलाफ चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में गैर—जमानती वारंट जारी किया। न्यायाधीश पीके राय ने बहुगुणा के जमानतदारों के खिलाफ भी नोटिस जारी करते हुए मामले की अगली सुनवाई की तारीख चार जनवरी तय की है।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी के खिलाफ 17 फरवरी 2012 को विधानसभा चुनाव प्रचार की समयसीमा समाप्त होने के बावजूद लखनऊ के कृष्णानगर थाना क्षेत्र स्थित बजरंग नगर में प्रचार करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था।

जोशी का जन्म 22 जुलाई, 1949 को इलाहाबाद (तब यूनाइटेड प्रॉविंसेज) में हुआ था। वह यूपी के दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा की पुत्री हैं। उनकी मां दिवंगत कमल बहुगुणा भी सांसद रही थीं। रीता इतिहास विषय में एमए और पीएचडी होल्डर हैं। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में वह मेडिवल और मॉडर्न हिस्ट्री की प्रोफेसर रही हैं।

टीचर रहते हुए उन्होंने सियासत की दुनिया में एंट्री ली थी। साल 1995 से 2000 के बीच वह इलाहाबाद की मेयर रही हैं। रीता इसके अलावा National Council of Women की उपाध्यक्ष रह चुकी हैं। उन्होंने साल 2003 तक All India Mahila Congress के और 2007 तक Uttar Pradesh Congress Committee के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी भी संभाली है।

रीता के बड़े भाई विजय बहुगुणा हैं। वह उत्तराखंड के सीएम रह चुके हैं, जबकि छोटे भाई शेखर बहुगुणा कांग्रेस के सीनियर नेता हैं। रीता जोशी का विवाह पीसी जोशी से हुआ था, जो मैकेनिकल इंजीनियर हैं। दोनों का एक पुत्र है और उसका नाम मयंक जोशी है।