VD Savarkar: हिंदू महासभा के संस्थापक और हिंदुत्व की परिभाषा देने वाले विनायक दामोदर सावरकर के नाम पर देश में एक भी म्यूजियम नहीं है। वीडी सावरकर से संबंधित संग्रहालयों के बारे में पूछे जाने पर संस्कृति मंत्रालय ने 15 संग्रहालयों की एक सूची साझा की है। यह सवाल नासिक से शिवसेना सांसद हेमंत तुकाराम गोडसे ने उठाया था। जिन्होंने संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी से पूछा कि क्या यह सच है कि ‘वीर सावरकर’ और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों से संबंधित म्यूजियम ‘या तो बहुत कम हैं या मौजूद नहीं हैं’।
एक लिखित उत्तर में संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने बताया कि देश में ऐसे म्यूजियम हैं जो स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का सम्मान करते हैं। उन्होंने देश भर में ऐसे 15 म्यूजियम की सूची साझा की। हालांकि वीडी सावरकर के नाम पर देश में एक भी म्यूजियम नहीं है। हालांकि, रेड्डी ने कहा कि उनका मंत्रालय एक संग्रहालय अनुदान योजना संचालित करता है जो केंद्र और राज्य सरकारों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, समितियों, स्वायत्त निकायों, स्थानीय निकायों और ट्रस्टों के माध्यम से नए संग्रहालयों को स्थापित करने और मौजूदा लोगों को विकसित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
बता दें, स्वतंत्रता संग्राम में वीडी सावरकर की भूमिका भाजपा और कांग्रेस के बीच बहस का विषय रही है। जहां कांग्रेस सावरकर को ‘ब्रिटिश भारत का एजेंट’ बताती रही है, वहीं पीएम मोदी ने उन्हें ‘भारत माता का महान सपूत’ बताया।
अक्टूबर, 2021 में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने विनायक दामोदर सावरकर पर लिखी एक नई किताब के विमोचन के मौके पर उन्हें एक ऐसी हस्ती बताया जिन्हें हमेशा बदनाम करने की कोशिश की गई। उसी कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने वीर सावरकर को महान नेता और स्वतंत्रता सेनानी बताया था। उन्होंने यह भी दावा किया कि गांधीजी के कहने पर ही सावरकर ने अंग्रेजों के सामने ‘दया की गुहार’ लगाई थी।
सिंह ने कहा था कि सावरकर कभी भी आरएसएस या जनसंघ (अब बीजेपी) के सदस्य नहीं रहे, लेकिन हिंदुत्व की विचारधारा की वजह से संघ और बीजेपी में उनका नाम बहुत सम्मान से लिया जाता है। बता दें, हाल के वर्षों में खासकर 2014 के बाद बीजेपी सावरकर को लेकर बहुत आक्रामक हुई है और वामपंथी इतिहासकारों पर जानबूझकर सावरकर के ‘चरित्र हनन’ का आरोप लगाती रही है।