कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि नेशनल हेरल्ड और जीएसटी विधेयक के मुद्दों के बीच कोई संबंध नहीं है और मतभेदों का समाधान होने की स्थिति में उनकी पार्टी कर सुधार संबंधी कदम के पक्ष में है।
राहुल ने यहां संपादकों और वरिष्ठ पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा ‘मीडिया में ऐसी भावना है कि नेशनल हेरल्ड और जीएसटी में संबंध है। मैं आपको बताता हूं कि नेशनल हेरल्ड और जीएसटी विधेयक के मुद्दों के बीच कोई संबंध नहीं है। नेशनल हेरल्ड एक अलग मुद्दा है और जीएसटी अलग मुद्दा है’।
नेशनल हेरल्ड मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके पुत्र राहुल सहित पार्टी नेताओं को भेजे गए समन रद्द करने से दिल्ली हाई कोर्ट के इनकार के बाद कांग्रेस सदस्य संसद में राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन करते रहे हैं। संसद की कार्यवाही में व्यवधान के कारण वस्तु व सेवा कर विधेयक (जीएसटी) पर विचार करने और उसे पारित करने में देरी हो रही है। इस विधेयक में पूरे देश में समान अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था लाने का प्रावधान है।
राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली का संदर्भ देते हुए कहा कि जीएसटी कांग्रेस लेकर आई थी। तब मोदीजी और जेटलीजी ने इसका खुल कर विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि यह बेतुका है। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, ‘दूसरी ओर हम जीएसटी के लिए कोशिश करते रहे। जीएसटी इसलिए अहम है क्योंकि यह जटिलताओं को कम करेगा। यह लालफीताशाही को दूर करेगा। हम जीएसटी के सौ फीसद प्रस्तावक हैं’।
संसद के पिछले सत्र में जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक को कांग्रेस ने अपनी इस मांग के कारण पारित नहीं होने दिया था कि संविधान संशोधन विधेयक में राजस्व निरपेक्ष दर 18 फीसद से अधिक न होने का जिक्र किया जाए। साथ ही कांग्रेस जीएसटी दर के ऊपर राज्यों को एक फीसद अतिरिक्त कर लगाने के भी खिलाफ है। राहुल ने कहा, ‘जीएसटी पर हमारे भाजपा के साथ तीन मतभेद हैं। इनके बारे में आप जानते हैं। हमारा मानना है कि विवाद संबंधी व्यवस्था कारगर होनी चाहिए। विवाद में जो लोग शामिल हैं वे उसके समाधानकर्ता नहीं होने चाहिए’।
उन्होंने कहा, ‘दूसरा मुद्दा कर की सीमा को लेकर है। हम नहीं चाहते कि इस देश में कोई भी सरकार के पास कर लगाने की असीमित गुंजाइश हो। हम इस देश के गरीब लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं। हम किसानों का प्रतिनिधित्व करते हैं। हम मजदूरों का प्रतिनिधित्व करते हैं। हम नहीं चाहते कि उन पर भारी बोझ डाला जाए’।
राहुल ने कहा, ‘हम नहीं चाहते कि सरकारी नौकरी करने वालों और दूसरों पर भारी कर बोझ हो। इसीलिए हम चाहते हैं कि इसकी सीमा तय हो। वे (भाजपा) नहीं चाहते। यह मतभेद है’। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, ‘ये तीन मुख्य ढांचागत मतभेद हैं। अगर ये मतभेद दूर हो जाएं तो कांग्रेस जीएसटी के पक्ष में है। इस ढांचे के अंदर कांग्रेस खुश है, हम पहले ही कह चुके हैं और जीएसटी को आगे बढ़ाने में खुशी होगी’।
मुख्यमंत्री तरुण गोगोई की मौजूदगी में मीडिया से बात कर रहे राहुल गांधी ने देश, असम और पूर्वोत्तर क्षेत्र के राजनीतिक परिदृश्य, बांग्लादेश से अवैध आव्रजन और भारत की विदेश नीति पर ‘आॅफ द रिकॉर्ड’ चर्चा की। वे आश्वस्त दिखे कि तरुण गोगोई के नेतृत्व में सत्तारूढ़ कांग्रेस 2016 में होने जा रहे असम विधानसभा चुनाव में लगातार चौथी बार जीत हासिल करेगी।