Mukhtar Ansari: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को गैंगस्टर-राजनेता मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी की याचिका पर सुनवाई की। याचिका में उमर ने अपने पिता को उत्तर प्रदेश के बाहर किसी भी जेल में स्थानांतरित करने का निर्देश देने की मांग की थी। इस याचिका में मुख्तार अंसारी की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई गई थी। जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस संजय करोल की पीठ ने उमर की याचिका पर सुनावई की।

सुनवाई के दौरान यूपी की योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को मुख्तार अंसारी की सुरक्षा बढ़ाने का भरोसा दिया। राज्य सरकार ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वह बांदा जेल के अंदर मुख्तार अंसारी की सुरक्षा और पुख्ता करेगी, जिससे उन्हें किसी तरह का नुकसान न हो। मामले की अगली सुनवाई 16 जनवरी को होगी।

योगी सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज ने भरोसा दिया कि जरूरत पड़ने पर अंसारी की सुरक्षा में बढ़ोतरी की जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उन्हें कोई नुकसान न हो।

कपिल सिब्बल ने रखा मुख्तार का पक्ष

उमर अंसारी की ओर से पेश हुए सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता के पिता को बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था। आठ आरोपियों में से चार को पहले ही मारा जा चुका है। ऐसे में मुख्तार की जान को भी खतरा है। सिब्बल ने 30 नवंबर 2023 को दिए गए एक भाषण का भी जिक्र किया जिसमें अंसारी को जान से मारने की सीधी धमकी की बात कही गई है।

कपिल सिब्बल ने बताया कि एक आरोपी की कोर्ट रूम में पेशी के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस पर अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने विरोध किया और कहा कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बांदा जेल भेजा गया था।

मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी ने अपनी याचिका में कहा कि चूंकि मुख्तार एक ऐसे राजनीतिक दल से हैं, जो राजनीतिक और वैचारिक रूप से राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी का विरोध करता है, इसलिए उनके परिवार को भी टारगेट कर परेशान किया जा रहा है।

याचिका में अतीक की हत्या का जिक्र

उमर अंसारी की याचिका में कहा गया है कि हाई कोर्ट ने इस साल मई में उनकी सुरक्षा को बढ़ाने का आदेश दिया था। इसके बावजूद 18 मई, 2023 को कुछ अज्ञात और संदिग्ध व्यक्तियों ने याचिकाकर्ता के पिता की जेल बैरक का दौरा किया था। इसमें अतीक अहमद की हत्या का भी जिक्र किया गया है।

याचिका में कहा गया है कि हाल ही में पुलिस सुरक्षा में अतीक अहमद और उनके भाई की हत्या कर दी गई थी और इसलिए याचिकाकर्ता को अपने पिता की जान को भी खतरा है। सरकार लगातार उनके परिवार, खासकर उनके पिता के खिलाफ व्यक्तिगत रूप से शत्रुतापूर्ण रुख अपना रही है। इसके अलावा उन्हें यह भी जानकारी मिली है उनके पिता की जेल में हत्या करने की साजिश रची जा रही है। याचिका में यह भी मांग की गई कि मुख्तार को केवल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही कोर्ट के समक्ष पेश किया जाए।