देश में किसानों के आंदोलन को लेकर रोज नई-नई बातें कही जा रही हैं। नई चर्चा आंंदोलनकारियों के बीच खालिस्तान समर्थकों के आ जाने की है। कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने इस मुद्दे को उठाते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से इस आंदोलन को तुरंत खत्म कराने की मांग की है। उनका कहना है कि इसके पहले कि कोई दंगा या अप्रिय घटना हो, सरकार आंदोलन को शांतिपूर्ण ढंग से खत्म करा दे।
कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि “किसानों के बीच खालिस्तान आंदोलन के लोग भी आ गए हैं। सीएए प्रदर्शनकारी भी आंदोलन में शामिल हो गए हैं। इससे माहौल खराब होने का डर है। जो लोग आंदोलन में कहीं न कहीं फेल हुए हैं। चाहे वे किसी भी यूनिवर्सिटी के हों, चाहे और लोग हों जिनको आंदोलनों में जीत नहीं मिली, वो देख रहे हैं कि यहां पर भारी संख्या में किसान आ चुके हैं। इसका फायदा कैसे उठाएं।”
उनका कहना है कि “अंदेशा है कि वहां पर खालिस्तान के चार लोग केसरी परने और झंडे लेकर आ गए तो मीडिया में कवरेज क्या आ गई खालिस्तानी लोग बैठे हैं। यहां पर कोई दंगा ना हो, कोई लड़ाई ना हो कोई ऐसा माहौल ना बन जाए, जिससे देश में आग लग जाए। इसलिए समझदारी ये है कि अमित शाह जी आप इसे खत्म करवाएं।”
इस बीच किसानों के साथ सरकार की बातचीत बिना किसी नतीजे के खत्म हो गई है। सरकार ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए एक समिति बनाने का प्रस्ताव रखा था, जिसमें किसान प्रतिनिधियों के अलावा सरकारी प्रतिनिधि और कृषि विशेषज्ञ भी मौजूद रहेगे। लेकिन किसान नेताओं का कहना है कि वे ऐसी किसी समिति से सहमत नहीं है। सरकार पहले अपने तीनों कानूनों को वापस ले, उसके बाद ही किसी समिति पर विचार किया जा सकता है। सरकार और किसानों के बीच अब गुरुवार (3 दिसंबर) को फिर बैठक होगी।