केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ TDP ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाया है। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने इसका समर्थन किया है। लेकिन, अब कांग्रेस के अंदर से ही इसके खिलाफ आवाज उठने लगी है। वरिष्ठ नेता और लोकसभा सांसद कमलनाथ ने अपनी ही पार्टी की मुहिम को धता बता दिया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्होंने चार दशकों में बहुत से अविश्वास प्रस्ताव देखे हैं। कमलनाथ से जब इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘मैं इसमें (अविश्वास प्रस्ताव पर बहस) हिस्सा लेने (दिल्ली) नहीं जा रहा। यहां (मध्य प्रदेश) पंचायती राज से जुड़ा हमारा सम्मेलन है। मेरे लिए प्राथमिकता मध्य प्रदेश है। मैंने पिछले 38 साल में बहुत से अविश्वास प्रस्ताव देखे हैं। ऐसे में मुझे इसका पूरा अनुभव है।’ बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने टीडीपी की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का पुरजोर समर्थन किया। हालांकि, उनकी पार्टी के अंदर से ही विरोध के सुर सामने आ गए। कमलनाथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता होने के साथ ही लोकसभा के सीनियर मेंबर में से एक हैं।

कांग्रेस कार्यकारिणी से हटाए जा चुके हैं कमलनाथ: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हाल में ही पार्टी कार्यकारिणी का गठन किया था। इसमें वरिष्ठ के साथ युवा नेताओं को भी पर्याप्त संख्या में जगह दी गई थी। लेकिन, दिग्विजय सिंह के साथ ही कमलनाथ जैसे दिग्गज नेताओं को इसमें स्थान नहीं दिया गया। हालांकि, मध्य प्रदेश से ही आने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया को वर्किंग कमेटी में शामिल किया गया। यह ऐसे समय हुआ जब मध्य प्रदेश में साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में राज्य के कांग्रेस नेताओं में फूट पड़ने की आशंका भी जताई जाने लगी है। कांग्रेस मध्य प्रदेश की सत्ता से वर्षों से बाहर है और पार्टी इस बार चुनाव में बेहतर करने की पुरजोर कोशिश में जुटी है। मालूम हो कि टीडीपी ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा न देने के मसले पर मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था, जिसे लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने स्वीकार कर लिया था। हालांकि, इससे पहले बजट सत्र में भी नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया गया था। हालांकि, इसे मंजूर नहीं किया गया था।