पूरा देश 75 गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस बीच बिहार में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आरजेडी और कांग्रेस से नाराज चल रहे हैं। ऐसे में कयास लगाये जा रहे हैं कि जल्द ही नीतीश कुमार बीजेपी के साथ मिलकर फिर से सरकार बना सकते हैं।

नीतीश और तेजस्वी के बीच दिखी दूरी

इसकी एक झलक शुक्रवार को होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह के कार्यक्रम में भी देखने को मिली। दरअसल नीतीश कुमार अपनी कुर्सी पर बैठे थे और उनके बगल वाली कुर्सी खाली थी लेकिन इसपर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव नहीं थे। तेजस्वी यादव नीतीश कुमार से अलग तीसरी कुर्सी पर बैठे थे।

कहा जाता है कि डेढ़ घंटे तक दोनों नेता कार्यक्रम में मौजूद रहे लेकिन एक दूसरे से बात तक नहीं की। इस दृश्य के बाद यह लगभग साफ हो चुका है कि नीतीश कुमार और आरजेडी के बीच सब कुछ ठीक नहीं है। वहीं इस बीच राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर दरवाजे खुल भी सकते हैं। ये सीधा संकेत नीतीश कुमार के लिए है।

चिराग पासवान भी एक्टिव

बिहार में वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर एलजेपी सांसद चिराग पासवान ने कहा, “एलजेपी (रामविलास) बिहार में राजनीतिक परिदृश्य के हर पल पर नजर रख रही है। हमने मौजूदा स्थिति पर चर्चा के लिए कल एक बैठक भी की। जहां तक ​​एनडीए गठबंधन का सवाल है तो फैसला लेने की जिम्मेदारी हमारी है। हम अगले 2-3 दिनों की योजना रद्द कर रहे हैं और दिल्ली जा रहे हैं। जो भी फैसला होगा, एलजेपी और बीजेपी मिलकर लेंगे।”

सूत्रों के अनुसार जेडीयू और बीजेपी के बीच बातचीत राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के जरिए हो रही है। हरिवंश जेडीयू के बड़े नेता रह चुके हैं। बीजेपी-जेडीयू गठबंधन के दौरान हरिवंश जेडीयू कोटे से उपसभापति बने थे। इस बीच बीजेपी विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि 2 से 3 दिन में नीतीश बीजेपी के साथ आ जाएंगे क्योंकि बातचीत बहुत आगे बढ़ चुकी है।