बिहार में भाजपा में टिकट बंटवारे में पैसे के लेन-देन के भाजपा सांसद आर के सिंह के आरोपों के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि भाजपा का असली रंग सामने आ गया है। वहीं पूर्व नौकरशाह अपने बयान पर कायम रहे।

काफी कुछ दांव पर लगे बिहार चुनाव से पहले भाजपा को नुकसान पहुंचाने वाले बयान में पार्टी के सांसद और पूर्व केंद्रीय गृह सचिव आर के सिंह ने शनिवार को आरोप लगाया कि पार्टी के टिकट अपराधियों को बेचे गए। इस आरोप को पार्टी ने निराधार बताकर खारिज कर दिया लेकिन प्रतिद्वंद्वियों ने इसे काफी गंभीर बताया है।

सिंह को भाजपा के निवर्तमान विधायक विक्रम कुंवर का समर्थन मिला, जिन्हें रघुनाथपुर से टिकट नहीं मिला है। उन्होंने आरोप लगाया कि इसे दल-बदलू और शहाबुद्दीन के शार्पशूटर मनोज सिंह को ‘बेचा’ गया। कुमार ने राज्य में कई चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए सिंह के बयानों का उल्लेख किया। कुमार ने कहा, ‘‘एक तरफ एकता है, दूसरी तरफ (राजग) मतभेद, लड़ाई और परेशानियां हैं।’’

उन्होंने कहा कि अब भाजपा का एक सांसद पार्टी पर खुलेआम आरोप लगा रहा है कि कैसे भाजपा राज्य में टिकटों का वितरण कर रही है। जद (यू) के वरिष्ठ नेता ने चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए कहा कि किस तरह के ‘चरित्रवान’ लोगों को टिकट दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हम ऐसा नहीं कह रहे हैं। भाजपा के लोग ऐसा कह रहे हैं। भाजपा के असली रंग का पर्दाफाश हो गया है।’’

टिकट वितरण को लेकर बिहार में भाजपा के नेताओं के नाखुश होने का दावा करते हुए सिंह ने आज कहा कि वह सिर्फ पार्टी कार्यकर्ताओं के रुख को सामने रख रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पास से कल से सिर्फ इस बात को कहने के लिए 1000 से अधिक कॉल आए हैं कि मैंने सही कहा और इसने पार्टी कार्यकर्ताओं के मनोबल को बढ़ाया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरी नाखुशी के बारे में नहीं है। मैं नाखुश नहीं हूं। मैं सिर्फ पार्टी कार्यकर्ताओं के रुख को रख रहा हूं। किसी को वह करना है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बिहार में कोई भी तभी संतुष्ट होगा जब पार्टियां ऐसे लोगों को टिकट देना बंद कर देंगी जिनके खिलाफ गंभीर अपराधों के लिए आरोप पत्र दायर किया गया हो।’’

बिहार में आरा से पहली बार लोकसभा के लिए चुनकर आए सिंह ने शनिवार को भाजपा को मुसीबत में डाल दिया जब उन्होंने कहा कि वास्तविक पार्टी कार्यकर्ताओं की कीमत पर अपराधियों को टिकट दिया गया। उन्होंने दावा किया कि उनकी अपनी पार्टी और राजद प्रमुख लालू प्रसाद में क्या अंतर है जिन्हें राजद जब सत्ता में थी तो बिहार में ‘जंगल राज’ के लिए निशाना बनाया जा रहा है।

सिंह ने शनिवार को पटना में कहा, ‘‘अपराधियों को पार्टी में शामिल होने से पहले टिकट दिया गया है। यह बिहार की जनता के साथ अन्याय है। कुछ लोगों ने टिकट बेचे हैं। यह क्या है। कैसे हम स्वच्छ प्रशासन पाएंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आपने अपराधियों को टिकट दिया है। कैसे आप बिहार में स्वच्छ प्रशासन देंगे। अपराधियों को टिकट आवंटित किए जाने का कोई कारण नहीं बताया गया है। ऐसा नहीं है कि सिर्फ अपराधी चुनाव जीत सकते हैं। बिहार के निवासी होने के नाते हम चिंतित हैं। आपमें और लालू प्रसाद में क्या अंतर है।’’

दूसरे मुद्दों पर नीतीश कुमार ने दावा किया कि अगर राजग बिहार में विधानसभा चुनाव जीतती है तो केंद्र में भाजपा नीत गठबंधन सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण समाप्त करेगी, क्योंकि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने आरक्षण व्यवस्था की समीक्षा की बात कही है।

कुमार ने एक अन्य रैली में कहा, ‘‘आरएसएस प्रमुख ने सार्वजनिक तौर पर आरक्षण नीति की समीक्षा का आह्वान किया है जिसे बिहार में राजग के सत्ता में आने के बाद केंद्र में भाजपा नीत गठबंधन सरकार समाप्त कर सकती है।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नीत गठबंधन की जीत राजग को आरएसएस की लाइन के आगे झुकने के लिए प्रोत्साहित करेगी और मौजूदा आरक्षण नीति को समाप्त करेगी।

कुमार ने वादा किया कि अगर उनका गठबंधन (जद यू-राजद-कांग्रेस) फिर से सत्ता में आता है तो महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 35 फीसदी आरक्षण मिलेगा।