महागठबंधन छोड़ बीजेपी में आने के बाद नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनाव से पहले यू-टर्न लेने की वजह बताई है। नीतीश कुमार ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में बताया कि वो विपक्षी गठबंधन के लिए किसी अन्य नाम की वकालत कर रहे थे लेकिन उन्होंने बिना कुछ सुने नाम तय कर लिया। नीतीश कुमार ने इस दौरान यह भी कहा कि विपक्षी गठबंधन अब तक एक भी फैसला नहीं कर पाया है।
नीतीश कुमार ने मीडिया से बातचीत में कहा, “हम तो नाम भी कह रहे थे कोई दूसरा नाम उन लोगों को, तब तक कर दिया। हम बोल रहे थे कि ये नाम ठीक नहीं है, तब तक कर दिया। बाद में हालत देख ली, हमें रोकने की कितनी कोशिश कर रहे थे। एक काम नहीं किया, आज तक तय किया कि कौन पार्टी कितना लड़ेगी।”
बिहार के विकास को प्राथमिकता बताते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगे कहा कि हम भी छोड़ दिए, जिनके साथ पहले थे, उनके साथ आ गए… अब सब दिन इधर ही रहेंगे… बिहार के विकास के काम में लगे रहते हैं, लगे रहेंगे, सबके हित में।
इस दौरान नीतीश कुमार ने राहुल गांधी पर बिहार में हुए कास्ट सर्वे का फर्जी क्रेडिट लेने का भी आरोप लगाया। नीतीश कुमार ने कहा कि क्या वो यह भूल गए हैं कि जातिगत सर्वेक्षण कब किया गया। उन्होंने कहा, “साल 2019-2020 में मैं विधानसभा से लेकर पब्लिक मीटिंग तक, हर जगह कास्ट सेंस के बारे में बात करता था, वह फर्जी क्रेडिट ले रहे हैं।”
राहुल गांधी ने क्या कहा था?
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि ‘महागठबंधन’ बिहार में सामाजिक न्याय के लिए लड़ाई जारी रखेगा और गठबंधन को इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ‘कोई जरूरत नहीं’ है। इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि, “थोड़ा सा दवाब पड़ता है और (वह) यूटर्न ले लेते हैं।’’