अगले साल देश में लोकसभा चुनाव होने हैं। उसके पहले कुछ राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव होंगे। इस बीच विपक्ष केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को सत्ता से हटाने के लिए लगातार एकजुट होने की कोशिश कर रही है। विपक्ष के महागठबंधन I.N.D.I.A. में 28 दल शामिल हो चुके हैं। लेकिन गठबंधन को बनाने की सबसे ज्यादा पहल करने वाले जदयू नेता और बिहार के सीएम नीतीश कुमार की गतिविधियों से विपक्ष की चिंता बढ़ गई है।

इनेलो ने विपक्षी गठबंधन के सभी प्रमुख नेताओं को कैथल बुलाया था

कुछ दिन पहले तक लगातार पीएम मोदी विरोधी बयान देने वाले नीतीश कुमार सोमवार को इंडियन नेशनल लोकदल के संस्थापक देवीलाल की जयंती पर हो रहे कार्यक्रम से दूरी बना ली, जबकि हरियाणा के कैथल में हो रहे इस कार्यक्रम में विपक्षी गठबंधन के सभी प्रमुख नेताओं को बुलाया गया है। खुद नीतीश कुमार इंडियन नेशनल लोकदल को विपक्षी महागठबंधन में शामिल करने के इच्छुक रहे हैं।

भाजपा के मार्गदर्शक और जनसंघ के नेता रहे हैं पंडित दीन दयाल उपाध्याय

दूसरी तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को ही पटना में आयोजित भाजपा के वैचारिक मार्गदर्शक पंडित दीन दयाल उपाध्याय की जयंती समारोह में शामिल हुए। इसको लेकर तमाम तरह के सियासी सुगबुगाहट भी शुरू हो गई है। पंडित दीन दयाल उपाध्याय ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी और प्रोफेसर बलराज मधोक के साथ मिलकर 21 अक्टूबर 1951 को दिल्ली में भारतीय जनसंघ की स्थापना की थी।

सुशील मोदी बोले- “सियासी बोझ बन चुके हैं नीतीश कुमार”

हालांकि एनडीए में नीतीश कुमार के लगाव होने को लेकर किए गए सवाल के जवाब पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, “क्या चर्चा होती है इसमें मेरी दिलचस्पी नहीं है। मैं तो विपक्ष को एकजुट करने में व्यस्त हूं।” दीन दयाल उपाध्याय के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, “हम सबका सम्मान करते हैं, जो लोग नहीं आते हैं उस बारे में वही बताएंगे।” उधर, भाजपा नेता और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “वे (नीतीश कुमार) नाक भी रगड़ ले फिर भी भाजपा का दरवाज़ा उनके लिए बंद हो चुका है… वे अब एक राजनीतिक बोझ हो चुके हैं और जो बोझ बन चुका है उसको ढोने का काम भाजपा क्यों करेगी?”

जनसंघ नेता की जयंती कार्यक्रम में नीतीश के शामिल होने को भाजपा के प्रति उनकी निकटता बढ़ने के रूप में देखा जा रहा है। इतना ही नहीं, कुछ दिन पहले दिल्ली में आयोजित जी20 सम्मेलन में भी वह पीएम मोदी के साथ बातचीत करते नजर आए थे। तब भी ऐसी चर्चाएं हो रही हैं। सोशल मीडिया पर भी यूजर पूछने लगे हैं कि क्या नीतीश कुमार फिर से एनडीए का दामन पकड़ सकते हैं।