केन्द्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने खुलासा करते हुए बताया है कि शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे ने उन्हें एक प्यारा सा नाम दिया था। बाल ठाकरे उन्हें नितिन ‘रोडकरी’ कहा करते थे। एक टीवी कार्यक्रम के दौरान नितिन गडकरी ने ये बातें कहीं। कार्यक्रम के दौरान जब नितिन गडकरी से यह सवाल किया गया कि सड़कें बनाने के लिए इतना जुनून वह कहां से लाते हैं। इसके जवाब में केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि मैं कोई इंजीनियर नहीं हूं, ना ही मैंने सिविल इंजीनियरिंग में कोई विशेषज्ञता ली है। महाराष्ट्र में अपने कार्यकाल के दौरान उन्हें सड़कों में रुचि पैदा हुई। सड़कें मेरा जुनून हैं। यहां तक कि सड़कों के प्रति मेरे जुनून के चलते तो बाल ठाकरे तो मुझे गडकरी के बजाए ‘रोडकरी’ कहा करते थे।

बता दें कि नितिन गडकरी साल 1995 से लेकर 1999 तक महाराष्ट्र सरकार में पीडब्लूडी मंत्री रह चुके हैं। इसी दौरान मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया गया था। नितिन गडकरी ने बताया कि मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे का निर्माण रिकॉर्ड 2 साल में पूरा किया गया था। जब गडकरी से यह पूछा गया कि मोदी सरकार में उन्हें सड़क और परिवहन मंत्री क्यों बनाया गया तो इसके जवाब में गडकरी ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझसे पूछा कि मुझे कौन-सा मंत्रालय चाहिए? जिस पर मैंने उन्हें बताया कि मैं सड़क और परिवहन मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालने लेना चाहता हूं, क्योंकि मैंने पहले भी यह जिम्मेदारी उठायी है और इसका आनंद लिया है। इस पर पीएम मोदी ने कहा भी कि यह मंत्रालय शीर्ष 4-5 मंत्रालयों में नहीं आता है, लेकिन इसके बावजूद मैंने कहा कि मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं है।’

उल्लेखनीय है कि नितिन गडकरी ने सितंबर 2017 में वाटर रिसोर्स मिनिस्टरी का भी कार्यभार संभाला था। जब गडकरी से सवाल किया गया कि सड़कों के प्रति उनका जुनून भाजपा सरकार को कैसे फायदा पहुंचाएगा? इस पर गडकरी ने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में हर दिन 27 किलोमीटर सड़कों का निर्माण हुआ है। यदि किसी को मेरी बातों पर यकीन नहीं है तो वह आरटीआई से इसकी जानकारी ले सकता है। बता दें कि 27 मई को पीएम मोदी ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करने वाले हैं। इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण करीब 500 दिनों में पूरा किया गया है। इस एक्सप्रेस-वे की मदद से दिल्ली में वाहनों का दबाव कम होगा और प्रदूषण में भी कमी आएगी।