मोदी सरकार के 11 साल पूरे हो गए हैं। मोदी सरकार के 11 साल पूरे होने पर बीजेपी देशभर में सरकार की उपलब्धियां बता रही है तो वहीं विपक्ष निशाना साध रहा है। इस बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि अगले दो सालों में भारतीय सड़क तुलनात्मक रूप से अमेरिका के बराबर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले एक दशक में सड़कों और राजमार्गों पर खर्च बढ़ाया है।

पाइपलाइन में मौजूद परियोजनाएं तेजी से आगे बढ़ रही- गडकरी

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री गडकरी ने एएनआई को दिए इंटरव्यू में कहा, “सवाल बदलाव का नहीं है, यह पहले ही बदल चुका है। आपने अभी-अभी न्यूज देखा है, मुख्य तस्वीर अभी शुरू होनी है। पाइपलाइन में मौजूद परियोजनाएं तेजी से आगे बढ़ रही हैं। अगले दो सालों में आप देख पाएंगे कि भारतीय सड़क तुलनात्मक रूप से अमेरिका के समान हो जाएगी।”

गडकरी से पूछा गया कि भारतीय सड़कों की सूरत कब पूरी तरह बदल सकती है? उन्होंने कहा, “अमेरिका से कुछ लोग मुझसे मिले और उन्होंने कहा कि यहां का इंफ्रास्ट्रक्चर अमेरिका से बेहतर है।” मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार द्वारा बनाई गई अच्छी सड़कों ने भारत में लॉजिस्टिक्स लागत को कम किया है। उन्होंने कहा कि इससे निर्यात प्रतिस्पर्धा में और सुधार होगा।

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गडकरी ने कहा, “अगर हम अपना निर्यात बढ़ाते हैं, तो इससे हमारे कृषि क्षेत्र, विनिर्माण और सेवाओं के साथ-साथ अन्य सभी क्षेत्रों में सुधार होगा। भारत में मुख्य चिंता हाई लॉजिस्टिक्स लागत है, जो 16 प्रतिशत है। जबकि चीन में यह 8 प्रतिशत और अमेरिका तथा यूरोपीय देशों में 12 प्रतिशत है। हमारी सड़कें अच्छी नहीं थीं, हमारे बंदरगाह अच्छे नहीं थे। यातायात की भीड़ ने लागत बढ़ा दी।”

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गडकरी ने कहा कि सड़कों में सुधार के साथ भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने लॉजिस्टिक्स लागत को 9 प्रतिशत तक कम कर दिया है। आने वाली परियोजनाओं के के बारे में बात करते हुए गडकरी ने कहा कि 25 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, 3,000 किलोमीटर लंबा बंदरगाह संपर्क राजमार्ग और धार्मिक पर्यटन सर्किटों को जोड़ने वाली 1 लाख करोड़ रुपये की सड़कें चल रही हैं। उन्होंने बौद्ध सर्किटों और चार धामों को अच्छी ऑल-वेदर सड़कों से जोड़ने की बात कही।

गडकरी ने कहा, “हम जम्मू और श्रीनगर के बीच 36 सुरंगों को डेवलप कर रहे हैं। 23 पूरी हो चुकी हैं और 4-5 अन्य के लिए काम चल रहा है। हम पर्वतमाला योजना के तहत 15 रोपवे विकसित कर रहे हैं, इसके अलावा 35 मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क भी हैं।”

भारत में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क है, और इसके राष्ट्रीय राजमार्ग लगभग 146,000 किलोमीटर की कुल लंबाई में फैले हैं, जो देश का नेटवर्क बनाते हैं। फरवरी 2025 की शुरुआत में सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, भारत का राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) नेटवर्क 2004 में 65,569 किमी से बढ़कर 2014 में 91,287 किमी और 2024 में 1,46,145 किमी हो जाएगा। चार या अधिक लेन वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 2014 में 18,371 किमी से 2.6 गुना बढ़कर 2024 में 48,422 किमी हो गए। परिचालन हाई-स्पीड कॉरिडोर 2014 में 93 किमी से बढ़कर 2024 में 2,138 किमी हो गए। राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण की गति 2014-15 में 12.1 किमी/दिन से 2.8 गुना बढ़कर 2023-24 में 33.8 किमी/दिन हो गई।