Nirmala Sitharaman: तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने अपनी पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति का नाम बदलकर भारत राष्ट्र समिति कर दिया है। इस पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केसीआर को निशाने पर लिया है और कहा कि उन्होंने तांत्रिकों की सलाह पर अपनी पार्टी का नाम टीआरएस से बदलकर बीआरएस कर दिया है।
सीतारमण ने कहा, “मुख्यमंत्री केसीआर ने तांत्रिकों और न्यूमरोलॉजिस्ट की सलाह पर सचिवालय जाना भी बंद कर दिया था और कई सालों तक महिलाओं को भी अपने मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया था। अब तांत्रिक की सलाह पर पार्टी का नाम बदलकर बीआरएस कर दिया है। असफल होने और तेलंगाना के लोगों एवं तेलुगु भाषा को धोखा देने के बाद उन्होंने अब बीआरएस को एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में लॉन्च किया है। नई पार्टी भी बुरी तरह विफल होगी।”
सीतारमण ने कहा कि तेलंगाना की जनता की भावनाओं को पूरा करने के लिए टीआरएस का गठन किया गया था, लेकिन केसीआर इसे पूरा करने में विफल रहे हैं। सीतारमण ने कहा कि टीआरएस ने वादा किया था कि तेलंगाना राज्य की महत्वाकांक्षा के लिए धन, पानी और नियुक्तियां (नौकरियां) प्राथमिकताएं हैं। इसके साथ ही सामाजिक न्याय और महिला सशक्तिकरण की भी बात की गई थी, लेकिन 2014 से 2018 तक टीआरएस सरकार में एक भी महिला मंत्री नहीं थी।
सीतारमण ने कहा कि आज तेलंगाना में 3 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है। विवादास्पद कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना का जिक्र करते हुए, केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि पहले माना जा रहा था कि परियोजना को 40,000 करोड़ रुपये के बजट के साथ पूरा किया जाएगा, लेकिन बजट 1,40,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, बजट बढ़ने की वजह भी स्पष्ट नहीं की गई। नौकरियों के वादों पर सीतारमण ने कहा कि टीआरएस सरकार ने अपना वादा नहीं निभाया और लोगों को धोखा दिया। उन्होंने कहा, “फंड, पानी और नौकरियों के तीनों मोर्चों पर टीआरएस सरकार पूरी तरह से विफल रही है।”
केसीआर ने बुधवार को भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) पार्टी लॉन्च की। इसे 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा का मुकाबला करने के लिए एक राष्ट्रीय पार्टी बनने की दिशा में केसीआर के पहले कदम के रूप में देखा जा रहा है।