राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने दिल्ली, पंजाब और हरियाणा की जेलों में बंद 10-12 गैंगस्टर्स को ट्रांसफर करने के लिए गृह मंत्रालय (MHA) के साथ चर्चा की है। इन गैंगस्टरों को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह ट्रांसफर करने की मांग की गयी है। इन पर पीछे से जेल में अपने क्राइम सिंडिकेट संचालित करने का संदेह है।
इससे पहले गृह मंत्रालय को लिखे पत्र में एनआईए ने उत्तर भारत की जेलों से कम से कम 25 गैंगस्टरों को दक्षिणी राज्यों में स्थानांतरित करने की मांग की थी। इस सूची में पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या का मुख्य आरोपी लॉरेंस बिश्नोई भी शामिल है।
डिब्रूगढ़ जेल में भी कर सकते हैं ट्रांसफर
गृह मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि प्रारंभिक प्रस्ताव गैंगस्टरों को दक्षिण भारत की जेलों में स्थानांतरित करने का था, लेकिन यह एक लंबी प्रक्रिया होगी क्योंकि इसके लिए राज्य सरकारों से अनुमति लेनी होगी। सूत्रों के मुताबिक, “चूंकि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह एक केंद्र शासित प्रदेश है और इसका प्रशासन गृह मंत्रालय के अंतर्गत आता है इसलिए इस प्रक्रिया में कम समय लगेगा। एजेंसी वर्तमान में कानूनी राय भी मांग रही है। सूत्रों के मुताबिक, NIA गैंगस्टरों को असम की डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में स्थानांतरित करने के विकल्प पर भी विचार कर रही है, जहां वारिस पंजाब डे प्रमुख अमृतपाल सिंह और उसके सहयोगी वर्तमान में बंद हैं।
जेल से चला रहे थे क्राइम सिंडिकेट
अगस्त 2022 में, एनआईए ने उत्तरी राज्यों में कई गैंगस्टरों के खिलाफ FIR दर्ज की थीं। इसमें भारत और विदेश में स्थित एक क्राइम सिंडिकेट द्वारा आतंकवादी हमलों और सनसनीखेज अपराधों को अंजाम देने के लिए धन जुटाने और युवाओं की भर्ती करने की साजिश का आरोप लगाया गया था। इन अपराधों में लोगों के मन में आतंक पैदा करने के इरादे से बड़ी शख़्सियतों को टारगेट किलिंग भी शामिल थीं।
जेलों में रची गयी हत्या की साजिश
सूत्रों ने बताया कि मामले की जांच के दौरान एनआईए ने पाया कि इनमें से अधिकतर गैंगस्टर सलाखों के पीछे से काम कर रहे थे। NIA जांच में पाया गया है कि कई राज्यों की जेलों में कई हत्या की साजिश रची गई थी और विदेश स्थित गुर्गों के एक संगठित नेटवर्क द्वारा उन्हें अंजाम दिया गया था। एनआईए के एक अधिकारी ने कहा कि हम आतंकवादियों, गैंगस्टरों और ड्रग तस्करों के बीच बढ़ती सांठगांठ को खत्म करने और उनकी फंडिंग और बुनियादी ढांचे को खत्म करने के लिए काम कर रहे हैं।
मई में तिहाड़ जेल प्रशासन ने दिल्ली सरकार के गृह विभाग को एक लिखित प्रस्ताव भी भेजा था, जिसमें सुरक्षा के आधार पर विचाराधीन कैदियों को दूसरे राज्यों में ट्रांसफर करने की मांग की गई थी। इसने कैदी स्थानांतरण अधिनियम में संशोधन की भी मांग की थी ताकि जेल प्रशासन राज्य की अनुमति के बिना किसी गैंगस्टर को स्थानांतरित कर सके।