दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने न्यूज़क्लिक के संस्थापक-संपादक प्रबीर पुरकायस्थ के खिलाफ UAPA मामले में चार्जशीट दायर कर दी है।  उन्हें 3 अक्टूबर 2023 को  सहयोगी अमित चक्रवर्ती के साथ गिरफ्तार किया गया था। उनपर चीन से फंडिंग हासिल करने के आरोप लगे थे।

स्पेशल सेल ने 9000 पन्नों की चार्जशीट पटियाला हाउस कोर्ट में पेश की है। जानकारी के मुताबिक इस चार्जशीट में अब तक जांच के सभी दस्तावेज और जब्त किए गए इलेक्ट्रोनिक उपकरणों की जानकारी शामिल है। 

इससे पहले दिसंबर में स्पेशल सेल ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर की अदालत से चार्जशीट दाखिल करने के लिए फरवरी तक की मोहलत मांगी थी। फरवरी में उन्होंने मार्च तक की मोहलत मांगी थी. दिल्ली पुलिस को हाल ही में चार्जशीट दाखिल करने के लिए 10 दिन की मोहलत भी दी गई थी। 

क्या जानकारी है? 

स्पेशल सेल ने इस संबंध में अगस्त में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम-UAPA और भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की थी। नवंबर में प्रबीर पुरकायस्थ और HR प्रमुख अमित चक्रवर्ती को एक महीने की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। दर्ज एफआईआर में प्रबीर पुरकायस्थ की गौतम नवलखा के साथ दोस्ती का भी जिक्र है।  नवलखा एल्गर परिषद-माओवादी लिंक मामले में नजरबंद हैं। 

प्रबीर पुरकायस्थ के खिलाफ अपनी एफआईआर में स्पेशल सेल ने उनके कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा नहीं मानने  के विचार के साथ जोड़कर दिखाया है। इसके अलावा लिखा गया है कि वह भारत सरकार की कोविड के खिलाफ लड़ाई को बदनाम कर रहे थे। किसान आंदोलन आदि का भी इसमें जिक्र है।

दिल्ली पुलिस ने NewsClick से जुड़े कर्मचारियों और सहयोगियों से जुड़े 50 से अधिक स्थानों पर दिन भर की तलाशी के बाद प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया था। राजधानी दिल्ली और मुंबई में की गई तलाशी के बाद पुलिस ने कहा था कि कुल 46 संदिग्धों से पूछताछ की गई और उनके डिजिटल उपकरण जब्त कर लिए गए हैं।

इंडियन एक्सप्रेस द्वारा हासिल की गई दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने रिमांड एप्लिकेशन लिखा था कि उनके पास ‘सीक्रेट इनपुट’ थे कि भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को को मुश्किल में डालने, भारत के खिलाफ असंतोष पैदा करने और भारत की एकता, अखंडता, सुरक्षा को खतरे में डालने की कोशिश की गई थी। रिमांड एप्लिकेशन में यह भी कहा गया था कि 4.27 लाख ईमेल के विश्लेषण से पता चला है कि आरोपी एक-दूसरे के सीधे संपर्क में थे और चर्चा कर रहे थे कि कश्मीर के बिना भारत का नया नक्शा कैसे बनाया जाए और अरुणाचल प्रदेश को विवादित क्षेत्र के रूप में दिखाया जाए।