सौरव रॉय बर्मन 

वीवीआईपी हस्तियों को सुरक्षा मुहैया कराने वाली एजेंसी नैशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) ने दिल्ली सरकार और राज्य की पुलिस को चिट्ठी लिखी है। इसमें तीन वरिष्ठ राजनेता लालकृष्ण आडवाणी, गुलाम नबी आजाद और फारूख अब्दुल्ला के सिक्योरिटी कवर में ‘उल्लंघन’ के 50 से ज्यादा मामलों का जिक्र किया गया है। 2 नवंबर को लिखी गई इस चिट्ठी में एनएसजी के डायरेक्टरेट जनरल ने उन उल्लंघनों की विस्तृत जानकारी दी है। मसलन- ये घटनाएं कहां और कब हुईं। रिपोर्ट के मुताबिक, इन हस्तियों पर मंडराने वाले खतरों के मद्देनजर राय दी गई है कि सुरक्षा में इस तरह की चूक खतरनाक है।

अक्टूबर में हुईं सुरक्षा उल्लंघन के इन मामलों में इन नेताओं के काफिले को जैमर और एंबुलेंस आदि मुहैया न कराया जाना, निजी सुरक्षा अधिकारियों को इनकी गाड़ियों में जाने की मंजूरी न देना और कई बार अनाधिकृत लोगों को इनकी गाड़ियों में बैठने की इजाजत देना आदि शामिल हैं। बता दें कि आडवाणी गृह मंत्री के अलावा उप प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। आजाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता हैं। वहीं, अब्दुल्ला तीन बार जम्मू-कश्मीर के सीएम रह चुके हैं। बता दें कि सुरक्षा कवर में उल्लंघन के ये मामले दिल्ली के अलावा मुंबई, श्रीनगर और कुछ दूसरी जगहों के हैं।

चिट्ठी के मुताबिक, 17 अक्टूबर को आडवाणी के काफिले में एंबुलेंस और अतिरिक्त कार नहीं मुहैया कराई गई। तीन अनाधिकृत लोगों को उनकी गाड़ी में बैठने की मंजूरी दी गई। पीछे की कार में दिल्ली पुलिस का एसीपी या डिप्टी एसपी रैंक का कोई अफसर भी नहीं मौजूद था। वहीं, आजाद के मामले में सुरक्षा उल्लंघन के अधिकतर केस जैमर और एंबुलेंस आदि मुहैया न कराना रहा। सिक्योरिटी वॉयलेशन रिपोर्ट के मुताबिक, 4 अक्टूबर को एनएसजी के सुरक्षागार्ड्स को चार या पांच दरवाजों वाली गाड़ी नहीं दी गई। इसके अलावा एक अनाधिकृत शख्स को उनकी गाड़ी में बैठने दिया गया। बता दें कि 1984 में गठित एनएसजी फिलहाल 34 हस्तियों को जेड प्लस सिक्योरिटी देती है।