Delhi Congress Chief Sheila Dikshit R.I.P News in Hindi: दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी की वरिष्ठ नेता शीला दीक्षित नहीं रहीं। शनिवार (20 जुलाई, 2019) को उन्होंने राजधानी के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह 81 साल की थीं। लंबे समय से बीमार शीला को उल्टी की शिकायत के बाद सुबह एस्कॉर्ट फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल के निदेशक डॉक्टर अशोक सेठ के मुताबिक, “शीला का इलाज हमारे डॉक्टर अच्छे से कर रहे थे। दोपहर तीन बजकर 15 मिनट पर उन्हें कार्डियक अरेस्ट की दिक्कत आई। फिर उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया, जिसके बाद उनका निधन हुआ।”

अस्पताल से शाम को शीला का पार्थिव शरीर आवास लाया गया, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र से लेकर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला तक उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे। इनके अलावा दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, दिल्ली बीजेपी चीफ व पार्टी सांसद मनोज तिवारी, बीजेपी नेता विजय गोयल, यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी, कांग्रेसी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया भी दीक्षित परिवार को ढांढस बंधाने आए। पूर्व सीएम के निधन को लेकर दिल्ली सरकार ने दो दिन का राजकीय शोक घोषित किया है, जबकि रविवार (21 जुलाई, 2019) दोपहर करीब ढाई बजे उनका अंतिम संस्कार होगा।

शीला को दिल्ली की प्यारी दादी के तौर पर भी जाना जाता था। उनका निधन न केवल समूचे दिल्ली वालों को लिए झटका है, बल्कि कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार के लिए भी बड़ी क्षति माना जा रहा है। 35 साल राजनीति में बिताने वाली शीला 1998 से 2013 तक 15 सालों के लिए राष्ट्रीय राजधानी की मुख्यमंत्री का पद संभाला। वह इसके अलावा केरल की राज्यपाल भी रहीं।

वहीं, दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी उनके निधन पर दुख जताया। लिखा, “शीला जी के निधन की खबर अभी पाकर सन्न हूं। यह दिल्ली के लिए बड़ी क्षति है। उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा। मेरी संवेदना उनके परिवार के साथ है। उनकी आत्मा को शांति मिले।”

कांग्रेस ने उनके देहांत पर ट्वीट कर कहा- शीला जी के गुजरने की खबर सुनकर बेहद दुख हुआ। जीवन भर कांग्रेसी नेत्री और तीन बार दिल्ली की सीएम रहने वाली शीला ने दिल्ली का चेहरा बदल कर रख दिया। हमारी संवेदनाएं उनके परिवार और मित्रों के साथ हैं। उम्मीद है कि उन्हें इस कठिन घड़ी में ताकत मिलेगी।

बेटे संदीप दीक्षित ने कहा- मां चली गईं। यह प्राकृतिक है कि मैं उन्हें बहुत याद करूंगा। मां को खोने का गम कभी नहीं भुलाया जा सकेगा। जब भी दिल्ली में विकास और प्रगति की बात होगी, शीला जी का नाम हमेशा लिया जाएगा।

एक नजर में जानिए शीला कोः पंजाब के कपूरथला में जन्मीं शीला डीयू के मिरांडा हाऊस से हिस्ट्री में पोस्ट ग्रैजुएट थीं। वह इसके अलावा फिलॉसफी में डॉक्टरेट भी थीं। 1984-1989 के बीच उन्होंने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में भारत का प्रतिनिधित्व भी किया, जबकि 1984 में वह राजीव गांधी की तत्कालीन सरकार में मंत्री बनाई गईं।  शीला को दिल्ली की तस्वीर बदलने के लिए जाना जाता है। फिर चाहे इंफ्रास्ट्रक्चर (रोड और फ्लाईओवर) हो या परिवहन व्यवस्था। उन्होंने इसके अलावा स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में भी अच्छा काम किया था। उनके पति विनोद दीक्षित आईएएस अधिकारी रहे।

15 साल में दिल्ली को चमकाया, विरोधी भी कायल; जब कमजोर पड़ी कांग्रेस तो शीला ने मोर्चा संभाला