चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर (PK)की ज्वाइनिंग पर कांग्रेस थिंकटैंक माथापच्ची कर रहा है। ऊंट किस करवट बैठेगा कोई पता नहीं, उधर चुनाव रणनीतिकार शनिवार को तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेकर राव (KCR) के घर जा पहुंचे। माना जा रहा है कि तेलंगाना के 2023 में होने वाले चुनाव को लेकर वो सीएम से मशविरा कर रहे हैं। लेकिन दूसरी तरफ कांग्रेस नेता इस मीटिंग से असहज बताए जा रहे हैं।
NDTV की खबर के मुताबिक पीके शनिवार सुबह राव के घर पहुंचे। उसके बाद से अब तक वो वहीं हैं। माना जा रहा है कि KCR से तेलंगाना चुनाव के साथ 2024 चुनाव को लेकर भी उनका मंथन हुआ। ध्यान रहे कि चंद्रशेखर राव 2024 में गैर बीजेपी व गैर कांग्रेसी मोर्चा बनाने की जुगत में हैं। इसके लिए वो पहले ममता बनर्जी और उद्धव ठाकरे के साथ मुलाकात भी कर चुके हैं। हालांकि पीके ने कांग्रेस को जो अपनी रिपोर्ट सौंपी है उसमें तेलंगाना में राव के साथ गठबंधन करने की सलाह दी गई है। लेकिन लगता नहीं है कि उनके सुझाव को कांग्रेस या राव की पार्टी गंभीरता से ले रही है। तेलंगाना में कांग्रेस KCR की पार्टी को अपना विरोधी मानती है। राहुल गांधी खुद तेलंगाना जाकर बड़ी रैली करने वाले हैं।
उधर, कांग्रेस के सात वरिष्ठ नेताओं की समिति पीके के प्लान पर मंथन के बाद आज सोनिया को रिपोर्ट सौंपने वाली है। PK ने कांग्रेस को सुझाव दिया है कि उत्तर प्रदेश, बिहार और ओडिशा जैसे कुछ राज्यों में कांग्रेस को नए सिरे से अपनी रणनीति बनानी चाहिए। इन प्रदेशों में गठबंधन से परहेज करना चाहिए। प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि कांग्रेस को लगभग 370 लोकसभा सीट पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल व तमिलनाडु में गठबंधन के साथ चुनावी मैदान में उतरना चाहिए। कहा जा रहा है कि प्रशांत किशोर को पार्टी में शामिल करने को लेकर सोनिया गांधी की हरी झंडी मिल चुकी है। अब कांग्रेस के बड़े नेताओं के साथ पीके की बैठक होगी और इसके बाद औपचारिक ऐलान हो जाएगा।
प्रशांत किशोर सबसे पहले 2014 में चर्चा में आए थे। तब उन्होंने नरेंद्र मोदी के लिए लोकसभा चुनाव में रणनीति तैयार की थी। चुनाव में भाजपा ने बड़ी जीत भी हासिल की। लेकिन इसके बाद प्रशांत भाजपा से अलग होकर जेडीयू के साथ हो लिए। उन्होंने जेडीयू और आरजेडी के गठबंधन में बड़ी भूमिका निभाई। चुनाव में गठबंधन को जीत मिली, लेकिन जेडीयू और आरजेडी का साथ ज्यादा दिन तक नहीं चला। नीतिश कुमार ने सीएम बनने के बाद प्रशांत किशोर को भी मंत्री का दर्जा दिया।
उसके बाद के दौर में 2017 में कांग्रेस ने पंजाब और उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए प्रशांत किशोर को हायर किया। पंजाब में तो जीत मिली, लेकिन उत्तर प्रदेश में वो नहीं चले। 2020 में प्रशांत किशोर ने आम आदमी पार्टी के लिए दिल्ली विधानसभा चुनाव में काम किया तो 2021 में पश्चिम बंगाल चुनाव में ममता बनर्जी को चुनाव जीतने में मदद की। तमिलनाडु चुनाव में भी पीके ने डीएमके के लिए रणनीति तैयार कर उसे जिताया।