18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने केंद्र सरकार पर सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा ये सरकार केंद्रीय एजेंसिया का इस्तेमाल सिर्फ अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों पर इस्तेमाल कर रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने मंगलवार को चंडीगढ़ में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस विधायक दल के नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा से मुलाकात की
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सिन्हा ने कहा, “बीते 60 सालों के दौरान मैंने सरकारी एजेंसियों का ऐसा आतंक कभी नहीं देखा जैसा कि इस सरकार में देख रहा हूं।” उन्होंने कहा, “मैं पांच सालों तक अटल जी की सरकार में केंद्रीय मंत्री रहा लेकिन कभी मेरे दिमाग में इस बात का विचार तक नहीं आया कि राजनीतिक विरोधियों के लिए ऐसे हथकंडे अपनाऊं। उन्होनें कहा तब केंद्रीय एजेंसियों का ऐसा दुरुपयोग कभी नहीं हुआ करता था लेकिन इस सरकार में मैंने ईडी, आईटी विभागों का बेशर्मी से इस्तेमाल करते हुए देख रहा हूं।”
आपातकाल में भी इतनी परेशानियां नहीं उठानी पड़ी थीं
सिन्हा ने आगे कहा,“हमारा लोकतंत्र इस समय गंभीर खतरे में है। सत्ताधारी दल और उसकी सरकार लोकतांत्रिक शासन की संस्थाओं को खत्म करने में लगी है। ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स विभाग और यहां तक कि राज्यपाल कार्यालय जैसी एजेंसियों को विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
केंद्र सरकार पर एजेंसियों को इस्तेमाल करने का आरोप
मौजूदा सरकार विपक्षी दलों में दलबदल करने और विपक्ष के शासन की राज्य सरकारों को गिराने के लिए इन एजेंसियों को हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रही है। चुनाव जीतने के लिए सत्तारूढ़ सरकार ने सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की बुरी साजिश रची है। इसका देश और समाज को खतरनाक परिणाम मिलेगा।” सिन्हा ने कहा, “सत्तारूढ़ सरकार का दल एक शासक का एजेंडा लोकतांत्रिक भारत को कम्युनिस्ट चीन की नकल करने वाला बनाना है। इसे रोका जाना चाहिए।”
मुर्मू की आड़ में पीएम मोदी पर कसा तंज
सिन्हा एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा, “मैंने 27 जून को अपना नामांकन दाखिल किया है तब से मैं अपनी बैठकों, प्रेस कॉन्फ्रेंस और मीडिया साक्षात्कारों के माध्यम से हमारे लोकतंत्र और हमारे संविधान के लिए उत्पन्न हो रहे खतरों को लेकर लगातार देश को आगाह कर रहा हूं। मैंने ऐसा इसलिए किया है क्योंकि मेरा मानना है कि भारत के लोगों को जानने का अधिकार है। गणतंत्र के सर्वोच्च पद के उम्मीदवारों से लेकर देश के लिए विभिन्न मुद्दों और चुनौतियों पर उनके क्या विचार हैं। हालांकि, मैं इस बात से निराश हूं कि सत्तारूढ़ दल के उम्मीदवार ने अब तक एक भी प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित नहीं किया है। शायद वह प्रधानमंत्री के उदाहरण का अनुसरण करना चाहती हैं जिन्होंने पिछले आठ वर्षों में एक भी प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित नहीं किया है।
राज्यों की सरकार गिराने में सरकारी मशीनरी का प्रयोग
महाराष्ट्र की में सरकार बदले जाने को लेकर उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र में क्या हुआ? उद्धव ठाकरे की सरकार गिरा दी गई। आप सभी को क्या लगता है कि ढाई साल बाद ठाकरे की सरकार के साथ रहने के बाद एकनाथ शिंदे को अचानक यह ख्याल आया? पर्दे के पीछे एक लंबी कहानी है। आज यह और भी स्पष्ट हो गया जब मुझे इस बात की जानकारी मिली कि शिवसेना के कुछ विधायक राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार को वोट देने के लिए ठाकरे पर दबाव बना रहे हैं। इस मौके पर हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष उदय भान, भूपिंदर सिंह हुड्डा और हरियाणा कांग्रेस के कई विधायकों ने मंच साझा किया और घोषणा की कि वे सभी आगामी राष्ट्रपति चुनाव में सिन्हा को वोट देंगे।