इंटरनेट निरपेक्षता की पुरजोर वकालत करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज नेट निरपेक्षता सुनिश्चित करने के लिए कानून में बदलाव करने या नया कानून बनाने की मांग की।

राहुल ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह इंटरनेट को भी बड़े बड़े उद्योगपतियों को बांटना चाहती है। सरकार ने हालांकि राहुल के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि इंटरनेट सबके लिए और सबका होना चाहिए तथा प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत इसे सुनिश्चित किया जा रहा है और नरेन्द्र मोदी सरकार न किसी कारपोरेट के दबाव आती है और न आयेगी।

लोकसभा में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए राहुल ने कहा कि नेट निरपेक्षता बड़ा विषय है। इसका अर्थ हर युवा को इंटरनेट का अधिकार है और इसे सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इंटरनेट को भी उद्योगपतियों में बांटना चाहती है जबकि लाखों युवा नेट निरपेक्षता की वकालत करते हुए इस अधिकार के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

राहुल गांधी ने कहा कि नेट निरपेक्षता सुनिश्चित करने के लिए कानून में बदलाव किया जाए या नया कानून लाया जाए। इसका जवाब देते हुए सदन में दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पूर्ववर्ती सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि साल 2012 में किन किन लोगों के ट्विटर हैंडल रोके गए थे यह बात सबके सामने है जब केंद्र में कांग्रेस नीत संप्रग की सरकार थी।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जब डिजिटल इंडिया की बात करते हैं तब 125 करोड़ लोगों को इंटरनेट अधिकार की बात करते हैं। प्रसाद ने कहा, ‘‘इस विषय (नेट निरपेक्षता) पर अधिकारियों से दो सप्ताह में रिपोर्ट मांगी गई है।’’

मंत्री ने कहा कि यह मुद्दा उठने से पहले ही जनवरी में एक समिति का गठन किया गया था जिसे इंटरनेट के विभिन्न आयामों पर विचार करना है। प्रसाद ने कहा, “ट्राई इस बारे में विचार कर सकती है लेकिन अंतिम फैसला मुझे और हमारी सरकार को करना है।”

प्रसाद ने कहा कि वह युवाओं के इंटरनेट एक्टिविज्म का स्वागत करते हैं और प्रधानमंत्री ने डिजिटल इंडिया के तहत ऐसी व्यवस्था बनाने पर जोर दिया है जो भेदभावकारी नही हो और सभी के लिए सुगम हो।

दूरसंचार मंत्री ने कहा कि टूजी स्पेक्ट्रम का मामला सामने है जब इसकी नीलामी से 1.10 लाख करोड़ रुपये प्राप्त हो गए है, जबकि पहले क्या स्थिति थी, यह सबके सामने है।

संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि किसी भी विषय को उठाना सदस्य का अधिकार है लेकिन सरकार के उपर इस तरह से उंगली नहीं उठायी जानी चाहिए।

कांग्रेस सदस्यों की टोकाटोकी पर उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि आपको राजनीतिक प्रचार चाहिए, जवाब नहीं।

इंटरनेट निरपेक्षता के मुद्दे पर राहुल गांधी ने आज लोकसभा में प्रश्नकाल स्थगित कर इस बारे में तत्काल चर्चा कराने के लिए कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था लेकिन सदन की कार्यवाही शुरू होेने के समय वह सदन में मौजूद नहीं थे। प्रश्नकाल की कार्रवाई शुरू होने पर हालांकि वह सदन में आ गए थे।

कल भी लोकसभा में इंटरनेट की निरपेक्षता को सुनिश्चित करने की मांग उठी थी और इस संदर्भ में ट्राई द्वारा हाल में लाये गये परामर्श पत्र को खारिज किये जाने की मांग की गई थी। माकपा के एम बी राजेश ने कल सदन में शून्यकाल के दौरान यह विषय उठाते हुए आरोप लगाया था कि ट्राई द्वारा लाया गया परामर्श पत्र दूरसंचार और इंटरनेट सेवा प्रदाताओं की ओर से नेट निरपेक्षता पर आघात का खुला समर्थन करता है।

कई सदस्य इस विषय पर अपनी बात रखना चाहते। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस मुद्दे पर आधे घंटे की चर्चा कराने के लिए सदस्य नोटिस दे सकते हैं।