देश भर में होने वाले कॉमन मेडिकल टेस्ट यानी NEET अध्यादेश को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मंजूरी दे दी है। राष्ट्रपति ने चाइना दौरे से रवाना होने से पहले इस अध्यादेश पर अपने सिग्नेचर कर मंजूरी दे दी है। गौरतलब है कि इससे राष्ट्रपति ने इस मामले को लेकर कानूनी मश्वरा किया था। उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से पूछा था कि आखिर क्यों सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से सहमति जताने के बाद अब सरकार इस मामले में पलटी मार रही है। लिहाजा राष्ट्रपति को दी सलाह में अटॉर्नी जनरल ने सरकार के अध्यादेश पर अपनी सहमति जताई थी।
राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद अब राज्यों के बोर्ड को एक साल तक NEET से छूट मिल गई है और यह साल के लिए टल गया है। गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को अध्यादेश को मंजूरी दी थी। इसका उद्देश्य सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश को आंशिक रूप से बदलना है जिसमें कहा गया है कि सभी सरकारी कॉलेज, डीम्ड विश्वविद्यालय और निजी मेडिकल कॉलेज अब NEET के दायरे में आएंगे।
हालांकि प्रबंधन कोटे के तहत केंद्र सरकार के मेडिकल कॉलेजों और निजी संस्थानों में प्रवेश के लिए आवेदन करने वाले छात्रों का एडमिशन नीट के जरिए ही होगा। स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर अब कोई असमंजस की स्थिति नहीं है। उन्होंने कहा, नीट को लागू कर दिया गया है। लेकिन राज्य सरकारों की कुछ वैध चिंताएं हैं। ऐसे में राज्य बोर्डों से एफिलिएटिड स्टूडेंट्स के लिए इतनी जल्दी एग्जाम देना मुश्किल होगा। गौरतलब है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को राष्ट्रपति ने राज्य बोर्डों की विभिन्न परीक्षाओं, पाठ्यक्रम तथा क्षेत्रीय भाषाओं के तीन मुद्दों पर जानकारी दी। लिहाजा यही वजह है कि इस साल नीट को टाल दिया गया है।