प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपनी सरकार को गरीब और किसान हितैषी के तौर पर पेश किया। उन्होंने अपने आलोचकों पर भाजपा की निंदा करने की जन्मजात आदत होने का आरोप लगाते हुए पार्टी से पुरजोर तरीके से इसका मुकाबला करने को कहा। रविवार को ही कांग्रेस ने भी रैली आयोजित कर मोदी पर जमकर निशाना साधा। मोदी ने पार्टी सांसदों को संबोधित करते हुए ज्यादातर ध्यान गरीबों और किसानों के फायदे के लिए शुरू की गई योजनाओं पर केंद्रित रखा और उनसे कहा कि इस बात को उनकी सरकार और पिछली सरकारों के बीच ठीक उसी आधार पर तुलना करते हुए जोरशोर से उठाया जाए जिस तरह टेलीविजन जगत में ‘श्वेत श्याम’ और ‘रंगीन’ में अंतर होता है।
प्रधानमंत्री भूमि अधिग्रहण विधेयक पर सीधे बोलने से बचे। जिसके खिलाफ कांग्रेस ने यहां रैली आयोजित की थी। हालांकि प्रधानमंत्री ने किसानों को लाभ पहुंचाने की अपनी सरकार की योजनाओं का विशेष उल्लेख किया। इनमें हाल ही में बेमौसम बारिश से नुकसान उठाने वाले किसानों को 50 फीसद की जगह 33 फीसद नुकसान होने पर मुआवजा देने का साहसिक फैसला शामिल है। प्रधानमंत्री के भाषण में विवादास्पद भूमि अधिग्रहण विधेयक का जिक्र केवल परोक्ष रूप से किया गया। जब उन्होंने कहा कि मीडिया के एक वर्ग ने व कुछ दूषित सोच वाले लोगों ने इस महीने बंगलुरु में भाजपा की राष्ट्रीय परिषद के सम्मेलन में दिए गए उनके भाषण को गलत तरह से पेश किया।
भ्रष्टाचार को और सरकारी धन में लीकेज रोकने के अपने प्रयासों को बताते हुए उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम लिए बिना उनके इस बयान को लेकर निशाना साधा कि एक रुपए में से गरीब तक केवल 15 पैसे पहुंचते हैं। मोदी ने कहा कि आपको केवल विश्लेषण नहीं करना बल्कि मर्ज का इलाज भी करना है। पार्टी सांसदों की बैठक में अपने घंटे भर के भाषण में मोदी ने कहा,‘मैं सभी फैसले गरीबों के कल्याण के लिए ले रहा हूं। हम गरीबों के लिए काम कर रहे हैं, खबरों में रहने के लिए नहीं। अगर हम यह नहीं करते तो हम चैन से सो नहीं सकते। हम गरीबों के लिए जीते हैं। हम सत्ता का आनंद उठाने के लिए सार्वजनिक जीवन में नहीं हैं बल्कि गरीबों के कल्याण के लिए हैं।
मुद्रास्फीति में गिरावट और सीमेंट के दाम कम होने का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ये उनकी सरकार की योजनाओं के नतीजे हैं जिनसे गरीब को फायदा हुआ है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों की यह जन्मजात आदत है कि भाजपा की आलोचना करो। उन्हें हमारी आलोचना का अधिकार है लेकिन उन्हें खुद को निष्पक्ष कहने का हक नहीं है। मैं हमेशा से गरीब की बात करता रहा हूं, उनके लिए काम कर रहा हूं। इस दौरान प्रधानमंत्री के साथ मंच पर भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और वेंकैया नायडू समेत अन्य पार्टी नेता भी बैठे थे।
मोदी ने पार्टी सांसदों से अपील की कि वो उनकी सरकार के कामकाज को लेकर और खासतौर पर गरीबों के लिए उठाए गए कदमों के बारे में संदेश फैलाएं। मोदी ने भाजपा सांसदों से कहा,‘आपको और सक्रिय होना चाहिए और जनता को बताना चाहिए कि हम क्या कर रहे हैं। मीडिया क्या कह रहा है, उस बारे में मत सोचिए। अपना सर ऊंचा रखें, आत्मविश्वास के साथ रहें और लोगों को बताएं कि हम उनके लिए क्या कर रहे हैं। वे आपकी प्रशंसा करेंगे।’
अपने आलोचकों पर हमला बोलते हुए मोदी ने कहा कि कुछ लोगों ने तय कर लिया है कि कोई अच्छी बात नहीं सुनेंगे। कुछ अच्छा नहीं कहेंगे और कोई अच्छी चीज नहीं देखेंगे। हमें उन लोगों पर वक्त बर्बाद नहीं करना चाहिए बल्कि उन लोगों पर ध्यान देना चाहिए जो सुनना चाहते हैं। संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत से एक दिन पहले पार्टी सांसदों को संबोधित कर रहे मोदी ने उनकी 10 महीने पुरानी सरकार की शुरू की गई योजनाओं को रेखांकित किया और कहा कि ये सब गरीबों के कल्याण के लिए हैं।
मोदी ने अपने घंटे भर के भाषण में मीडिया के एक तबके समेत अपने आलोचकों पर हमले किए। उन्होंने कहा कि आपने देखा होगा कि कैसे छोटी-छोटी बातों का बतंगड़ बनाया गया। चूंकि उनके पास बड़े कामों पर निशाना साधने के लिए कुछ नहीं है, इसलिए छोटी घटनाओं का बढ़ा चढ़ाकर दिखा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने इस संबंध में विस्तार से तो कुछ नहीं कहा लेकिन उनकी उक्त टिप्पणी को कुछ केंद्रीय मंत्रियों और पार्टी सांसदों के विवादास्पद बयानों और संघ से जुड़े कुछ लोगों की कथित गतिविधियों से जोड़कर देखा जा रहा है। आलोचकों का कहना है कि प्रधानमंत्री के बार-बार नामंजूर करने के बावजूद इस तरह की घटनाएं जारी हैं।
उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और विश्व बैंक व अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के प्रमुख, सभी मानते हैं कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। उन्होंने कहा कि अगर कोई करीब से देखेगा तो उसे पता चलेगा कि हमारे प्रयास आम जनता की मदद के लिए हैं। उस नव मध्यम वर्ग की मदद के लिए हैं जो किसी कीमत पर अपनी झुग्गियों में वापस नहीं जाना चाहता। हमारे प्रयास गरीबों को सशक्त करने के लिए हैं। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार राष्ट्रनीति से चलती है, राजनीति से नहीं। राजनीति कहती है कि हमें सरकारी खजाना बर्बाद कर देना चाहिए। इसे बांटो और जनता की तारीफ बटोरो। इस राजनीति ने देश को बर्बाद कर दिया है। केवल राष्ट्रनीति ही देश को बचा सकती है, जो कहती है कि हमें गरीब को सशक्त बनाना चाहिए।