चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले नागरिकता कानून को लेकर एनडीए में मतभेद देखने को मिल रहा है। तमिलनाडु में बीजेपी की सहयोगी पार्टी एआईएडीएमके ने अपने चुनावी घोषणापत्र जारी करते हुए कहा है कि पार्टी केंद्र सरकार से नागरिकता कानून (सीएए) को वापस लेने के लिए कहती रहेगी।

एआईएडीएमके की तरफ से रविवार को जारी घोषणापत्र के दौरान पार्टी के नेता सी प्रन्नयन ने कहा कि हम भारत में श्रीलंकाई तमिल शरणार्थियों के लिए दोहरी नागरिकता और आवासीय परमिट के लिए केंद्रीय सरकार से अनुरोध करेंगे। एआईएडीएमके केंद्र सरकार से नागरिकता कानून को वापस लेने के लिए कहती रहेगी।गौरतलब है कि साल 2020 में नागरिकता कानून को लेकर देश भर में जमकर विरोध प्रदर्शन हुए थे। हालांकि केंद्र सरकार ने कानून वापस लेने से साफ इनकार कर दिया था।

हर परिवार को सरकारी नौकरी देने का वादा: एआईएडीएमके ने कहा है कि राज्य में अगर उसकी सरकार बनती है तो हर परिवार के कम से कम एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। इसके साथ ही हर साल हर परिवार को छह एलपीजी सिलेंडर मुफ्त मे मिलेंगे।

गोल्ड लोन माफी का वादा: एआईएडीएमके ने पहले ही 48 ग्राम तक के गोल्ड लोन माफ करने का वादा किया है। तमिलनाडु में सहकारी संस्थाओं द्वारा बांटे गए 20 हजार करोड़ के लोन का करीब 40 फीसदी हिस्सा गोल्ड लोन का ही है। गोल्ड लोन माफी का फायदा महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप की लगभग 15.5 लाख सदस्यों को मिल सकेगा।

बीजेपी 20 सीटों पर लड़ रही है चुनाव: तमिलनाडु में बीजेपी एआईएडीएमके के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। गठबंधन के तहत बीजेपी को 20 सीटें मिली है, जबकि एआईएडीएमके 177 सीटों पर चुनाव में है। तमिलनाडु विधानसभा के 234 सीटों के लिए 6 अप्रैल को चुनाव होने हैं। नतीजे 2 मई को आंएगे।