राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार ने NDA सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजीका (एनआरसी) देश को त्रस्त कर रहे हैं। देश की जनता का गंभीर मुद्दों से यह बीजेपी की ‘‘ध्यान हटाने की चाल’’ है। बता दें कि महाराष्ट्र में शरद पवार की पार्टी एनसीपी सत्ता में है। अभी तक महाराष्ट्र से किसी भी तरह का हिंसक प्रदर्शन का मामला सामने नहीं आया है।

नया नागरिकता कानून देश सौहार्द को बिगाड़ेगा :  उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि, ‘सीएए और एनआरसी देश के सामने खड़े गंभीर मुद्दों से ध्यान हटाने की चाल है।’ उन्होंने कहा कि ‘जो लोग न सिर्फ अल्पसंख्यक बल्कि जो कोई देश की एकता एवं प्रगति की चिंता करते हैं, वे सीएए और एनआरसी का विरोध कर रहे हैं। नया नागरिकता कानून देश की धार्मिक सामाजिक एकता और सौहार्द को बिगाड़ेगा ।’

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श्रीलंका के तमिलों को क्यों नहीं नागरिकता: पवार ने पूछा कि संशोधित कानून के तहत केवल पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के शरणार्थियों को ही नागरिकता क्यों दी जाएगी और श्रीलंका के तमिलों को क्यों नहीं। पवार ने एक सवाल के जवाब में कहा कि बिहार समेत एनडीए के शासन वाले आठ राज्यों ने कानून को लागू करने से इनकार कर दिया है और महाराष्ट्र का भी रुख यही रहना चाहिए।

CAA राज्य सरकारे लागू करेंगी: उन्होंने सरकार से पूछा कि, ‘सीएए भले ही केंद्रीय कानून है लेकिन इसको लागू राज्यों को करना है। लेकिन क्या राज्यों के पास ऐसा करने के लिए संसाधन एवं तंत्र है।’पूर्व केंद्रीय मंत्री ने एल्गार परिषद के मामले में कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुणे पुलिस की कार्रवाई की भी एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अगुवाई में एसआईटी जांच कराने की मांग की है।