असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM को महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी सरकार में भागीदार बनाने को लेकर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ती दिख रही है। बता दें कि AIMIM को महा विकास अघाड़ी सरकार में शामिल करने को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की ना के बाद अब एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के साथ महाराष्ट्र में हाथ मिलाने से इनकार किया है।
शरद पवार ने इस संबंध में कहा है कि वह इस तरह के गठबंधन के पक्ष में नहीं है। दरअसल शनिवार को एआईएमआईएम सांसद इम्तियाज जलील ने अपने एक बयान से महाराष्ट्र के राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी। उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए शिवसेना के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन में भागीदार बनने के लिए तैयार है।
इस पेशकश को लेकर शरद पवार ने इंडिया टुडे से कहा, “ऐसे बयानों के बारे में मुझे जानकारी है लेकिन मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह हमारी पार्टी का फैसला नहीं है।” पवार ने कहा कि किसी भी राजनीतिक संगठन के साथ गठबंधन बनाने में कई तरह के विचार आते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के फैसले राज्य के दलों द्वारा राष्ट्रीय समिति से विचार करके ही लिए जाते हैं।
उन्होंने कहा कि एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस महाराष्ट्र सरकार में सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा है। इसलिए उसे गठबंधन के विस्तार पर अपने मौजूदा सहयोगियों के विचारों को भी ध्यान में रखना चाहिए।
पवार ने कहा, “एआईएमआईएम की तरफ से भले ही इस तरह के बयान आ रहे हों लेकिन देखना होगा कि क्या एमवीए के अन्य दल इस तरह के गठबंधन के लिए तैयार हैं या नहीं? यदि कोई राज्य स्तरीय गठबंधन के लिए ऐसा प्रस्ताव दे सकता है, तो एनसीपी एक राजनीतिक गठबंधन सहयोगी के रूप में तीनों राजनीतिक दलों में से किसी को भी ऐसा फैसला लेने की अनुमति नहीं देती है।”
बता दें कि इससे पहले उद्धव ठाकरे ने कहा था कि शिवसेना कभी भी एआईएमआईएम के साथ गठबंधन नहीं करेगी। यह बीजेपी की ‘बी’ टीम है। उन्होंने कहा कि बीजेपी हिंदुत्व का इस्तेमाल सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए कर रही है।
इम्तियाज जलील ने क्या कहा था: एमवीए में शामिल होने को लेकर शनिवार को एआईएमआईएम के प्रवक्ता इम्तियाज जलील ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया था कि हम एमवीए सरकार के साथ गठजोड़ करने के लिए तैयार हैं। जिससे सांप्रदायिक विचारधारा वाली बीजेपी को सत्ता से दूर रख सकें। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि सभी गैर-बीजेपी पार्टियां एक साथ चुनाव लड़ें और बीजेपी को सत्ता से बाहर रखें।
जलील ने कहा था कि एमवीए अभी तीन पहियों वाली गाड़ी है। इसमें अगर एक और पहिया(AIMIM) जुड़ता है, तो और मजबूती आएगी। जलील ने बताया कि उन्होंने एमवीए सरकार में मंत्री राजेश टोपे के माध्यम से यह पेशकश की है। मेरी मां के निधन पर टोपे मेरे घर आये थे। उन्होंने कहा था कि एआईएमआईएम के चलते कांग्रेस-एनसीपी को नुकसान हो रहा है। इसके बाद जलील ने टोपे से कहा कि हम बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए उनके साथ आने को तैयार हैं।
गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे से पहले शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने भी कहा था कि महा विकास अघाड़ी में चौथे दल के लिए कोई जगह नहीं है।