पूर्व क्रिकेटर, नेता और टीवी सेलेब्रिटी नवजोत सिंह सिद्धू शायद आम आदमी पार्टी (आप) में नहीं जाएं। हालांकि, अरविंद केजरीवाल कह चुके हैं कि सिद्धू का आप में स्वागत है। लेकिन पार्टी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि सिद्धू ने इसके लिए शर्त रखी है। बकौल सूत्र, ‘वह (सिद्धू) चाहते हैं कि उन्हें पार्टी में शामिल होते ही पंजाब में सीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया जाए (जैसा भाजपा ने दिल्ली में किरण बेदी के साथ किया था)। लेकिन आप कार्यकर्ताओं की पार्टी है। किसी को भी इस तरह सदस्य बनते ही सर्वोच्च उम्मीदवारी नहीं दी जा सकती।’ केजरीवाल के एक सहयोगी ने कहा, ‘लगता नहीं है कि सिद्धू आप में आ पाएंगे। बातचीत फेल हो गई है।’ उन्होंने कहा कि अगर किसी को इस तरह से शर्तों के साथ पार्टी में लाया जाएगा तो न केवल गलत उदाहरण बनेगा, बल्कि जनता में भी सही संदेश नहीं जाएगा।
जानकारी के मुताबिक नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने केजरीवाल से मुलाकात की थी। लेकिन बात नहीं बनी। आप के संयोजक सुच्चा सिंह ने भी साफ कर दिया है कि सिद्धू उनकी पार्टी में नहीं आ रहे हैं। उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि सिद्धू आप की तारीफ कर भाजपा में अच्छी स्थिति हासिल करना चाहते हैं। लेकिन अकालियों के विरोध के चलते सिद्धू को भाजपा में भी अच्छा कद मिलने की संभावना नहीं दिखाई दे रही है।
पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। AAP को इस बात की चिंता सता रही है कि राज्य में किसे चेहरा बनाया जाए। एक सूत्र का कहना है, ‘इस राज्य में लोगों को एक चेहरा चाहिए। हम देख रहे हैं। कोई न कोई सामने आएगा। अभी तक स्थिति साफ नहीं है।’ उधर, भाजपा के एक सूत्र का कहना है कि पार्टी सिद्धू को नहीं जाने देना चाहती और इसके लिए कोशिशें जारी हैं। लेकिन अकाली दल से उनकी बन नहीं रही है। सिद्धू और उनकी पत्नी खुले आम अकाली दल का विरोध कर चुके हैं।
