नेशनल हेराल्ड केस में राहुल गांधी की पेशी पर बीजेपी के राज्यसभा सांसद रहे सुब्रमण्यम स्वामी का कहना है कि सब कुछ झूठ है तो साबित क्यों नहीं करते। उनका कहना है कि उन्हें सरकार का शुक्रगुजार होना चाहिए कि 2014 से ये मामला सामने आया था और अभी तक सुनवाई चल रही है।
पूर्व सांसद ने कहा कि उन्होंने यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (YIL) के जरिये सिर्फ 50 लाख रुपये का भुगतान कर कांग्रेस के स्वामित्व वाले नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र के प्रकाशक एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड से 90.25 करोड़ रुपये लेने की साजिश रची थी। उन्हें लगता है कि आरोप गलत हैं तो पलटवार क्यों नहीं करते। स्वामी ने दावा किया कि YIL ने 2 हजार करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति हासिल करने के लिए ये घोटाला किया। स्वामी ने आरोप लगाया कि AJL को दिया गया कर्ज अवैध था, क्योंकि यह पार्टी के फंड से लिया गया था।
राहुल गांधी की ED के सामने आज पेशी पर बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि आज गांधी परिवार का भ्रष्टाचार पूरे देश के सामने आ गया है। राहुल गांधी की एजेंसी के सामने पेशी भ्रष्टाचार के मामले में हो रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी आज सरेआम भ्रष्टाचार के समर्थन में है । वे जांच एजेंसी में दवाब डालने की कोशिश कर रहे हैं। यह प्रदर्शन गांधी खानदान की संपत्ति बचाने के लिए किया जा रहा है। उनका कहना था कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी आरोपी हैं और फिलहाल बेल पर हैं, ये बात कांग्रेसियों को समझनी चाहिए।
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जांच एजेंसियों पर दबाव डालने की कोशिश कर रही हैं कांग्रेस: केंद्रीय मंत्री @smritiirani#SmritiIrani #BJP #Congress #RahulGandhi #ED pic.twitter.com/es2N3ayd3T
— India TV (@indiatvnews) June 13, 2022
स्मृति ने कहा कि गांधी परिवार ने घोषणा की है कि आओ दिल्ली को घेरो क्योंकि हमारा भ्रष्टाचार पकड़ा गया है। कांग्रेस के देशभर के शहरों में हो रहे प्रदर्शन को लेकर उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शन लोकतंत्र को बचाने का प्रयास नहीं बल्कि गांधी परिवार की 2000 करोड़ की संपत्ति बचाने के लिए किया जा रहा है। गांधी खानदान को इस सवाल का जवाब देना चाहिए कि जांच एजेंसी पर दबाव क्यों बनाया जा रहा है? एक अखबार की कंपनी रियल स्टेट बिजनेस में रूचि क्यों ले रही है?
उधर बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि 2010 में यंग इंडिया बनाई गई। उन्होंने कांग्रेस से सवाल पूछते हुए कहा कि क्या कांग्रेस को दान करनेवाले लोगों की मंशा थी कि उनका पैसा ऐसी कंपनी को सौंप दे जिसका मालिकाना हक गांधी परिवार को दे दी जाए। 2016 में यंग इंडिया ने स्वीकार किया कि उन्होंने चैरिटी का एक भी काम नहीं किया।
