कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी शनिवार को नेशनल हेराल्ड केस में पहली बार कोर्ट के सामने पेश हए। मेट्रोपॉलिटिन मैजिस्ट्रेट लवलीन की अदालत से उन्हें कुछ ही मिनटों में बेल मिल गई। लेकिन यह सब इतना आसान नहीं था। कांग्रेस पार्टी ने इसके लिए कई दिनों तक तैयारी की थी। वकीलों की पूरी फौज इसके लिए काम पर लगाई गई थी और एक-एक मिनट की तैयारी की गई थी। सोनिया और राहुल हर स्थिति के लिए तैयारी करके कोर्ट गए थे।
सोनिया के पॉलिसी सेक्रेटरी और राज्यसभा सांसद अहमद पटेल और गांधी परिवार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी सुनवाई से काफी पहले कोर्ट पहुंचे और सभी इंतजामों की जानकारी ली। इस मामले को कोर्ट तक ले जाने वाले बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी अपनी वकील पत्नी रोक्साना स्वामी के साथ पहले ही कोर्ट रूम में मौजूद थे।
गांधी परिवार की ओर से वरिष्ठ नेता और मशहूर वकील कपिल सिब्बल, क्रिकेट लॉयर आरएस चीमा और सिंघवी कमान संभाल रहे थे। इन तीनों कई-कई बार दस्तावेजों को देखा और सोनिया गांधी को भरोसा दिलाया कि वे किसी भी स्थिति से निपटने में सक्षम हैं। कांग्रेस के वकीलों की टीम कोई चांस नहीं लेना चाहती थी। यही कारण रहा कि सोनिया और राहुल को मिनटों में बेल मिल गई।
‘इंडियन एक्सप्रेस’ को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अगर मेट्रोपॉलिटन जज जमानत याचिका को खारिज कर देते तो सोनिया और राहुल के वकील मिनटों में सेशन कोर्ट में याचिका दाखिल करने के लिए पूरी तरह तैयार बैठे थे। एक टीम को खासतौर पर इसी काम पर लगाया गया था। सूत्रों ने यह भी बताया कि कोर्ट जाने से पहले हुई कांग्रेस की बैठक में यह भी तय किया गया कि सोनिया और राहुल को पेशी से छूट दिलाने की मांग कोर्ट में नहीं की जाएगी। पार्टी ने इस बात पर खास जोर दिया कि पटियाला हाउस कोर्ट से ऐसा एक भी संकेत नहीं जाना चाहिए कि कोर्ट में गांधी परिवार के खिलाफ कुछ हुआ है।
कांग्रेस को डर था कि अगर कोर्ट ने सोनिया-राहुल को जमानत दे दी, लेकिन स्वामी की विदेश यात्रा पर रोक को स्वीकार कर लिया तो उसे काफी नुकसान हो सकता है। हालांकि, कोर्ट ने ऐसा नहीं किया और यह कांग्रेस के लिए फायदेमंद साबित हुआ। यही वजह रही सिंघवी और सिब्बल दोनों ने इस मुद्दे को नहीं उठाया, जिससे स्वामी को हैरानी हुई। कोर्टरूम में मौजूद एक कांग्रेस नेता ने कहा,’ हमारे वकील ऊपरी अदालत में याचिका के लिए बिल्कुल तैयार थे। हमने जानबूझकर सोनिया गांधी और राहुल गांधी के लिए पेशी से छूट की मांग नहीं की। इससे बीजेपी की हकीकत देश के सामने लाने में मदद मिलेगी, जो कि इस केस के पीछे है।’
वैसे खबर यह भी थी कि सोनिया-राहुल के लिए जमानत की मांग न की जाए, लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेता मोती लाल वोरा, एके एंटनी, अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद और मल्लिकार्जुन खड़गे इस आइडिया को खारिज कर दिया।
नेशनल हेराल्ड केस के बारे में जब सुब्रमण्यम स्वामी से पूछा गया कि कहीं कांग्रेस इसे ‘पॉलिटिकल विक्ट्री’ बनाने में कामयाब हो गई तो? इस स्वामी ने कहा कि गांधी परिवार को कोर्ट आते सभी खुश हैं। बहरहाल, कांग्रेस की ओर से ऐसे संकेत भी मिल रहे हैं कि वह इस केस के बारे में हाई कोर्ट के कुछ ऑब्जर्वेशन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है।
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