कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन जारी है। इस बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि सरकार प्रदर्शन कर रहे किसानों को फिर से बातचीत के लिए आमंत्रित करेगी। द इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में तोमर ने कहा कि जनता ने 303 सीटों के साथ जनादेश केवल सत्ता के लिए नहीं बल्कि सुधार लाने के लिए दिया है।

कृषि मंत्री ने नोटबंदी और जीएसटी को सुधार बताते हुए कहा कि भारत को बदलने का प्रयास किया जा रहा है और इसीलिए जनता ने 2019 में पार्टी को भारी जनादेश दिया। उन्होंने कहा, ‘नरेंद्र मोदी जी ने पहले कार्यकाल में बहुत सारे सुधार किए। लोगों ने कहा नोटबंदी है अब उल्टी गिनती शुरू हो गई है। जीएसटी है तो उल्टी गिनती शुरू…दूसरे कार्यकाल में नरेंद्र मोदी को 287 के स्थान पर 3030 सीट देकर जिताया। इसके मायने हैं कि नरेंद्र मोदी जी से देश ये चाहता है कि जो सुधार राजनीतिक स्वार्थ के चलते, दबाव-प्रभाव के चलते, जो बदलाव देश में आज तक नहीं आ पाया, वोट बैंक की राजनीति के कारण, उससे ऊपर उठकर नरेंद्र मोदी जी काम करें।’

किसानों के विरोध को शांत करने के लिए अगले कदम के बारे में सवाल पूछने पर तोमर ने कहा, कुछ किसानों से अनौपचारिक चर्चा हुई है। 9 दिसंबर को सरकार की तरफ से भेजे गए प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘सरकार की तरफ से बदलाव के प्रस्ताव पर जवाब आने के बाद फिर से बातचीत को तैयार हैं।’ कृषि मंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि सरकार कृषि कानूनों को वापस लेने को तैयार नहीं है। उन्होंने जल्द समस्या का समाधान निकालने की बात कही।

कृषि मंत्री ने कहा, ‘जिन प्रोविजन को किसान समझते हैं कि उनके लिए हितकारी नहीं हैं, उनकी समीक्षा करने के लिए हम तैयार हैं। लेकिन वे क्लॉज के आधार पर बात करने के तैयार नहीं हैं। बातचीत के दौरान पता चला के वे पराली और बिजली के बिल को लेकर भी चिंताग्रस्त हैं। हम उसपर भी बात करने को तैयार हैं।’ संसद में इस कानून में बदलाव को लेकर पूछे गए सवाल पर तोमर ने कहा, ये छोटे कानून हैं जो कि सालों से अटके थे। ये सुधार यूपीए सरकार भी करना चाहती थी।

नरेंद्र सिंह तोमर ने बीजेपी किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार चाहर से बात की। इशके बाद कृषि भवन में भारतीय किसान यूनियन के नेता से मुलाकात की।