केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक बार फिर किसानों से आंदोलन खत्म कर उनको अपने घर लौटने की अपील की है। एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में बोलते हुए नरेंद्र सिंह तोमर ने एक सवाल के जवाब में कहा कि सरकार को ना फूट डालने की जरूरत है और न ऐसी कभी मंशा थी।
न्यूज चैनल आज तक के कार्यक्रम ‘एजेंडा आजतक’ में कृषि मंत्री से पूछा गया कि कुछ किसान वापस जाने लगे हैं। क्या सरकार किसानों के बीच फूट डाल रही है? इस पर तोमर ने जवाब देते हुए कहा, ”सरकार को फूट डालने की न जरूरत है और न ही ऐसी मंशा।” उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में कोई किसी को रोक सकता नहीं है और मुझे लगता है कि किसान भी अलग-अलग तरीके से इसको लेकर विचार कर रहे होंगे।
राकेश टिकैत समेत किसान नेताओं ने आंदोलन जारी रखा है। इसको लेकर कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि कानूनों को लेकर हमारा फैसला गलत नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी ने जो बड़प्पन दिखाया है, उसकी पूरे देश में तारीफ हो रही है। आंदोलनकारी किसान भी इस पर विचार कर रहे हैं कि जिस प्रमुख मांग को लेकर आंदोलन शुरू हुआ था, उसे सरकार ने मान लिया है तो हमें इस आंदोलन को लेकर विचार करना चाहिए।
एमएसपी गारंटी कानून की किसानों की मांग पर कृषि मंत्री ने कहा कि आंदोलन कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर शुरू हुआ, इसके बाद कुछ लोग एमएसपी की भी बात कर रहे थे। हम उनकी भावनाओं को देखते हुए एमएसपी पर समिति बनाने का विचार कर रहे थे और इस मुद्दे पर बात भी हुई थी। उन्होंने कहा, ”मैंने आश्वास्त किया कि एमएसपी आगे भी जारी रहेगी।”
वहीं, ‘एजेंडा आज तक’ के मंच पर बात करते हुए भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कई मुद्दों पर बात की। उन्होंने एमएसपी और कमेटी के मसले पर सरकार से किसानों की बातचीत में आने वाली अड़चनों का जिक्र किया। राकेश टिकैत ने कहा कि एमएसपी को लेकर सरकार कमेटी से पहले एमएसपी गारंटी कानून बनाए।
राकेश टिकैत ने सरकार पर किसानों को बरगलाने का आरोप लगाया और कहा कि गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक कमेटी बनी थी। आज आप ही जज हो, वकील हो। आप अपनी ही कमेटी की सिफारिश लागू कर दें। उन्होंने कहा कि सरकार ने स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिश भी लागू नहीं की।