प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को सोशल मीडिया (इंस्टाग्राम/टि्वटर हैंडल) अकाउंट्स पर एक वीडियो शेयर किया। वह इस क्लिप में अपने आधिकारिक आवास पर सुबह की सैर और व्यायाम के दौरान राष्ट्रीय पक्षी मोर को दाना खिलाते दिखे।
एक मिनट और सैंतालिस सेकेंड के एक वीडियो में प्रधानमंत्री के 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित पीएम आवास से कार्यालय तक टहलने की कुछ झलकियां भी थीं। सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा ने बताया कि सुबह की सैर के दौरान प्रधानमंत्री अक्सर मोरों के साथ समय बिताते हैं।
बताया गया कि अपने आवास पर प्रधानमंत्री ने कुछ चबूतरे भी बनवाए हैं, ताकि पक्षी वहां घोंसला बना सकें। वीडियो के साथ प्रधानमंत्री ने एक कविता भी साझा की। यह रहा उनका ट्वीटः
भोर भयो, बिन शोर,
मन मोर, भयो विभोर,
रग-रग है रंगा, नीला भूरा श्याम सुहाना,
मनमोहक, मोर निराला।रंग है, पर राग नहीं,
विराग का विश्वास यही,
न चाह, न वाह, न आह,
गूँजे घर-घर आज भी गान,
जिये तो मुरली के साथ
जाये तो मुरलीधर के ताज। pic.twitter.com/Dm0Ie9bMvF— Narendra Modi (@narendramodi) August 23, 2020
मोदी के मोर प्रेम पर फैंस, फॉलोअर्स ने की तारीफः पीएम के मोर को दाना खिलाते वीडियो और फोटो देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे। लोग इन्हें शेयर करते हुए लिखने लगे कि इंटरनेट पर आज इससे अच्छी कोई चीज नहीं है। पीएम के प्रकृति और पक्षी प्रेम को देख वह काफी खुश हैं।
@rose_k01 ने पीएम के मोर प्रेम वाली तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा- आज इंटरनेट पर यह सबसे बेहतरीन चीज है। पीएम एक मोर के साथ हैं…शानदार विजुअल्स! यह दर्शाता है कि एक पक्षी पीएम पर कितना यकीन करता है, जो उन्हें दाने खिला रहे हैं।
कुछ ने बताया ‘पब्लिसिटी स्टंट’, किए ऐसे कमेंट्सः हालांकि, कुछ लोगों ने इस पर पीएम की आलोचना भी की। स्वीडन की एक यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर @ashoswai ने लिखा, “पीएम खुले आम देश के कानून का मजाक बनाते हैं! मोर देश का राष्ट्रीय पक्षी है और यह वाइल्ड लाइफ (प्रोटेक्शन) एक्ट के तहत शेड्यूल्ड स्पीशीज के तहत आता है। ऐसे में इसे पेट (पालतू) के तौर पर रखना अवैध है।”
टीवी पत्रकार @khanumarfa ने तंज कसते हुए ट्वीट किया, “सुना है आज सुबह से हमारे पत्रकार-प्रचारक मोर बनके नाच रहे हैं।” @harddik0507 नाम के टि्वटर अकाउंट से लिखा गया, “जनता बेहाल है और लोग मनोहर दृश्य की शूटिंग करने मे व्यस्त हैं।”
@dola_anika ने कहा- दुनिया के आप पहले प्रधानमंत्री हो सर जी, जो अपने पब्लिसिटी खुद करते हो। वाह वाह। @inquestioner ने कहा- 80 फीसदी भारतीय अपने बच्चों और नर्स अपने मरीजों को खिलाने के लिए जूझ इस पृथ्वी पर जूझ रही हैं। वहीं, स्वर्ग में भगवान इंद्र मोर के साथ अपने बगीचे में खेल रहे हैं, जबकि इस दौरान उनके कुक खाना पकाने में व्यस्त हैं।
पर्यावरण पर PM ने लिखी हैं ये किताबेंः सूत्रों का कहना है कि पर्यावरण पर अपनी दृष्टि का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने जिन दो किताबों की रचना की है वे ‘‘कनवीनिएंट एक्शन: गुजरात्स रिस्पांस टू चैलेंजेस ऑफ क्लाइमेट चेंज’’ और ‘‘कनवीनिएंट एक्शन-कंटीन्यूटी फॉर चेंज’’ हैं। उनकी एक अन्य पुस्तक का नाम है ‘‘आंख आ धन्य छे’’। यह पुस्तक प्रकृति पर लिखी गई कविताओं का संकलन है।
नरेंद्र मोदी ने अलग जलवायु परिवर्तन विभाग भी बनायाः सूत्रों के मुताबिक, जब दुनिया जलवायु परिवर्तन की बात कर रही थी तब मोदी ने ‘‘जलवायु न्याय’’ की चर्चा की। उन्होंने जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई को मानवीय मूल्यों से जोड़ा। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी ने जलवायु परिवर्तन के अभिनव समाधान तैयार करने के लिए अलग जलवायु परिवर्तन विभाग बनाया। इस भावना को पेरिस में 2015 के COP21 शिखर सम्मेलन में भी देखा गया था जहां मोदी ने पर्यावरण से जुड़े मुद्दों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
UN का ‘चैंपियंस ऑफ अर्थ अवार्ड’ भी मिल चुका हैः आगे सूत्रों ने बताया, ‘‘प्रधानमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के शुभारंभ में अग्रणी भूमिका निभाई ताकि बेहतर भविष्य के लिए सौर ऊर्जा को बढ़ावा मिल सके। प्रधानमंत्री ‘‘मैन वर्सेज वाइल्ड’’ शो में भी दिखे थे जिसमें प्रकृति के साथ रहने के भारतीय लोकाचार का उल्लेख है। पर्यावरण संरक्षण के प्रति उनके प्रयासों के लिए प्रधानमंत्री मोदी को संयुक्त राष्ट्र के ‘चैंपियंस ऑफ अर्थ अवार्ड’ से भी सम्मानित किया गया।