कांग्रेस उपाध्यक्ष सांसद राहुल गांधी ने अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र अमेठी में प्रस्तावित मेगा फूड पार्क परियोजना के निरस्तीकरण के लिये पूर्ववर्ती कांग्रेस-नीत संप्रग सरकार को जिम्मेदार ठहराने के केंद्र की मोदी सरकार के दावे को गलत करार दिया।

अमेठी के अपने तीन दिवसीय दौरे के पहले दिन मिर्जागढ़ गांव में आयोजित ‘चौपाल’ में दावा किया कि मेगा फूड पार्क के लिये जमीन आबंटित करा ली गयी थी। परियोजना पर काम भी शुरू हो गया था लेकिन मोदी सरकार ने बदनीयती के चलते उसे रद्द कर दिया।

चौपाल से पहले कुछ किसानों ने राहुल से कहा कि मीडिया के लोग कह रहे हैं कि मेगा फूड पार्क के लिये जमीन ही आबंटित नहीं की गयी थी। इस पर राहुल करीब दो किलोमीटर पैदल चलकर पार्क के लिये चयनित बतायी गयी जमीन के पास पहुंचे और जीप के बोनट पर चढ़कर किसानों को सम्बोधित किया।

उन्होंने कहा ‘‘भाजपा की सरकार ने अमेठी और यहां के आसपास के 10 जिलों के किसान को नुकसान पहुंचाया है। वो बदला मुझसे लेना चाहते हैं लेकिन फंस किसान और मजदूर रहा है। मैं चाहता हूं कि वो (केंद्र) गरीब किसानों की मदद करे और यह फूड पार्क हमें वापस दे।’’

राहुल का यह बयान केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत कौर द्वारा हाल में संसद में दिये गये बयान में अमेठी मेगा फूड पार्क परियोजना निरस्त करने के लिये पूर्ववर्ती संप्रग सरकार को जिम्मेदार ठहराये जाने सम्बन्धी बयान के बाद आया है।

राहुल ने कहा ‘‘भाजपा बदले की राजनीति करके मुझे चोट पहुंचाना चाहती है। भाजपा सिर्फ यहीं नहीं बल्कि पूरे हिन्दुस्तान में ऐसी राजनीति कर रही है। पंजाब, तेलंगाना, महाराष्ट्र, हरियाणा समेत हर जगह जहां किसान को दबाया जा सकता है, वहां ऐसा किया जा रहा है, लेकिन हम इस सरकार से हारेंगे नहीं।’’

गौरतलब है कि केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर ने पिछले दिनों लोकसभा में कहा था कि अमेठी मेगा फूड पार्क की प्रमोटर कम्पनी ने प्राकृतिक गैर नहीं मिल पाने की वजह से इस परियोजना को आगे बढ़ाने में असमर्थता जाहिर की थी। दिसम्बर 2012 में केंद्र की तत्कालीन संप्रग सरकार ने ही कम्पनी को गैस आपूर्ति करने से मना कर दिया था।

उन्होंने कहा था कि प्रमोटर कम्पनी द्वारा अंतिम अनुमोदन के लिये जरूरी पूर्व शर्तें पूरी करने में हद से ज्यादा देर किये जाने की वजह से ही मंत्रालय ने उसे सैद्धांतिक रूप से दी गयी मंजूरी रद्द कर दी।

कौर ने कहा था कि पिछले साल जून में परियोजना की प्रगति को लेकर हुई समीक्षा बैठक में मेगा फूड पार्क की प्रमोटर कम्पनी के प्रतिनिधियों ने कहा था कि समुचित दाम पर गैस की आपूर्ति नहीं होने पर वे इस परियोजना पर विचार नहीं करेंगे।

कौर का कहना था कि पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने दिसम्बर 2012 में गहरी किल्लत की वजह से फूड पार्क के लिये गैस की आपूर्ति करने में असमर्थता व्यक्त की थी।