देश में राजनीतिक गठजोड़ की परंपरा पुरानी है पर यह पहला मौका है जब नरेंद्र मोदी से मुकाबला करने के लिए पुराने ‘जनता परिवार’ को एक करने की कोशिश में जुटे दो सबसे कद्दावर यादव नेता मुलायम सिंह व लालू प्रसाद यादव एक दूसरे के रिश्तेदार भी हो गए और वह भी अपने सबसे बड़े राजनीतिक विरोधी की मौजूदगी में। सैफई में शनिवार को नेताजी के सांसद पौत्र तेज प्रताप यादव के भव्य तिलकोत्सव के मौके पर लालू यादव ने अपने अंदाज में कहा कि मुझे खुशी है कि मेरी बेटी की शादी पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई है।
मुलायम सिंह यादव ने शादी के लिए हमसे एक भी पैसा (दहेज) नहीं मांगा, क्योंकि हमारे दिल मिले हैं। ‘तेजू’ के नाम से मशहूर मैनपुरी से सपा सांसद तेज प्रताप यादव की आगामी 26 फरवरी को लालू प्रसाद यादव की सबसे छोटी बेटी राजलक्ष्मी के साथ नई दिल्ली में शादी हो रही है।
मुलायम सिंह के गांव सैफई में आयोजित आलीशान तिलकोत्सव में शरीक होने वालों में अन्य विशिष्ट अतिथियों के साथ ‘राजनीति के मैदान में सपा मुखिया के धुर विरोधी’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी मुखालफत का सूत्र लेकर देश की राजनीति में नए समीकरणों को जन्म देने की महत्त्वाकांक्षा लिए ‘जनता परिवार’ के नेता भी शामिल थे। प्रधानमंत्री अपने इन राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के व्यक्तिगत समारोह में खुले दिल से शरीक हुए।
दोनों धुरंधर यादवों ने मोदी को अपने बीच बैठाया। इस दौरान कहीं कोई शिकन नहीं दिखी। मेगास्टार अमिताभ बच्चन की मौजूदगी कार्यक्रम में सियासत के साथ ग्लैमर का तड़का भी लगा। बाद में, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी कार्यक्रम में शरीक हुए। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उनकी अगवानी की। प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक मोदी के साथ थे।
सपा मुखिया के बेहद करीबी साथी व पार्टी का ‘मुसलिम चेहरा’ कहे जाने वाले प्रदेश के नगर विकास मंत्री आजम खां की मुख्य कार्यक्रम में गैरमौजूदगी ने तरह-तरह की अटकलों को जन्म दे दिया। हालांकि वे दोपहर बाद कार्यक्रम में पहुंचे।
तेज प्रताप ने कहा कि प्रधानमंत्री की इस यात्रा में कोई राजनीति नहीं है। उन्हें शिष्टाचारवश न्योता दिया गया था और वह हमें आशीर्वाद देने सैफई आए। इसके लिए हम उनके आभारी हैं। हम मुद्दों के आधार पर उनका विरोध करते हैं, व्यक्तिगत रूप से नहीं। मुलायम व उनके मुख्यमंत्री पुत्र अखिलेश यादव और लालू ने पूर्वाह्न पौने 11 बजे तिलकोत्सव स्थल पहुंचे मोदी का बेहद गर्मजोशी से स्वागत किया और मंच पर शाल ओढ़ाकर उनकी अगवानी की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने यादव परिवार के सदस्यों से खुद जाकर मुलाकात की। सपा मुखिया मोदी को खुद मंच पर लेकर गए। प्रधानमंत्री के मंच पर पहुंचने पर पंडाल और उसके बाहर खड़े हजारों लोगों ने जोरदार तालियां बजाकर उनका स्वागत किया।
लालू और मुलायम के बीच बैठे मोदी ने यादव परिवार के अन्य सदस्यों के साथ फोटो खिंचाई और दूल्हे तेज प्रताप पर फूलों की पंखुड़ियां भी बरसाई। मंच पर आत्मीयता का ऐसा माहौल था कि मुख्यमंत्री अखिलेश के और यादव परिवार के बच्चे एक-एक करके प्रधानमंत्री की गोद में जाकर बैठते रहे और मोदी ने भी उन्हें दुलारने में कोई कोताही नहीं की। मोदी अपने चिरपरिचित अंदाज में हौले से बच्चों के कान पकड़कर उनके प्रति आत्मीयता जाहिर करते रहे।
मोदी करीब 40 मिनट तक समारोह में मौजूद रहे और उसके बाद वे दिल्ली के लिए रवाना हो गए। खुद मुलायम ने उन्हें विदा किया। प्रधानमंत्री के मंच से हटने के बाद दूसरे मेहमानों का वहां पहुंचना शुरू हो गया। बॉलीवुड सुपर स्टार अमिताभ बच्चन को लेकर सपा मुखिया मंच पर पहुंचे। उनके साथ उनकी पत्नी जया बच्चन भी थीं। अमिताभ बच्चन के मंच पर पहुंचते ही लोगों ने जोरदार तालियों के साथ उनका स्वागत किया। अमिताभ बच्चन ने हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन किया। अमिताभ और जया बच्चन ने तेज प्रताप को बधाई देते हुए कहा कि उनकी जिंदगी में राजलक्ष्मी के आने के बाद नई खुशियां आएंगी।
मंत्रोच्चारण के बीच तमाम रस्में अदा करने के लिए रंगीन पर्दों, दरीचों और खूबसूरत झाड़ों से सजाए गए भव्य तिलकोत्सव पंडाल में सवा लाख से ज्यादा लोगों ने शिरकत की। मैनपुरी से सांसद तेज प्रताप यादव की लालू की सबसे छोटी बेटी राजलक्ष्मी से सगाई गत 16 दिसंबर को हुई थी।
विशाल श्रीवास्तव)
कभी सपा मुखिया के निकटस्थ रहे पूर्व सांसद अमर सिंह भी तिलकोत्सव समारोह में शामिल हुए। इसके अलावा उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी व उनका परिवार, जनता दल (एकी) के अध्यक्ष शरद यादव, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर, भाजपा सांसद साक्षी महाराज और उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल के अधिकांश मंत्री विशेष रूप से मौजूद रहे। हालांकि तेलुगू देशम पार्टी के मुखिया चंद्रबाबू नायडू नहीं पहुंच सके।
मेहमानों के लिए लजीज पकवान, खासकर गुजराती व बिहारी व्यंजन तैयार करने के लिए विशेष बावर्ची और खानसामे बुलाए गए। पकवानों में दही का आलू, बाटी चोखा, उलदा पूड़ी, पनीर भरवा, छोला भटूरा वगैरह खासतौर पर शामिल थे। तिलकोत्सव में करीब तीन हजार वीवीआइपी मेहमानों के लिए विशेष इंतजाम किए गए थे। उनके लिए खाना बनाने के वास्ते विशाल रसोईघर बनाए गए थे। विशेष आमंत्रितों की सुविधा के लिए 500 अत्याधुनिक ‘स्विस काटेज’ तैयार किए गए थे। तिलकोत्सव का सजीव नजारा दिखाने के लिए समारोह स्थल पर 10 विशाल एलईडी स्क्रीन लगे थे।