प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन मोदी ने कोरोनावायरस की पहली वैक्सीन ले ली है। खुद पीएम ने इस बात की जानकारी अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर की। बताया गया है कि हीराबेन मोदी को वैक्सीन गुजरात के गांधीनगर में ही लगी है। इस जानकारी को साझा करने के साथ पीएम ने पोस्ट में कहा, “यह बताते हुए खुशी हो रही है कि मेरी मां ने आज कोरोनावायरस वैक्सीन की पहली डोज ले ली। मैं सभी से अपील करता हूं कि वे अपने आसपास वैक्सीन लेने की पात्रता पूरी करने वाले लोगों को टीकाकरण कराने के लिए प्रेरित करें और उनकी मदद करें।”

बता दें कि इसी महीने की शुरुआत में पीएम मोदी ने कोरोनावायरस वैक्सीनेशन के दूसरे फेज की शुरुआत की थी। इसके तहत 60 साल के ऊपर के सभी बुजुर्गों और 45 वर्ष के ऊपर के गंभीर स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे लोगों के टीकाकरण शुरू किया गया था। खुद प्रधानमंत्री ने इस फेज में भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोवैक्सिन का पहला डोज लिया था।


पीएम ने 1 मार्च को वैक्सीन लगवाने के बाद भी लोगों से आगे आ कर टीकाकरण प्रक्रिया में शामिल होने की अपील की थी। तब उन्होंने ट्विटर पर कहा था, ” एम्स में कोविड-19 वैक्सीन की मैंने पहली खुराक ले ली है। कोरोना के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को मजबूती देने में जिस तेजी से हमारे डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने काम किया है, वो उल्लेखनीय है। मैं उन सभी लोगों से वैक्सीन लगवाने की अपील करता हूं जो वैक्सीन लेने के लिए योग्य हैं। आइए साथ में भारत को कोविड-19 से मुक्त बनाएं!”

भारत में पूरी रफ्तार से जारी है वैक्सिनेशन प्रक्रिया: भारत में कोरोनावायरस से लड़ाई में वैक्सिनेशन की बेहद अहम भूमिका है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, अब तक देश में कुल 2.52 करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन लग चुकी है। बुधवार तक मिले डेटा की मानें तो इनमें से 71 लाख 70 हजार 519 हेल्थकेयर वर्कर हैं। वहीं 70 लाख 31 हजार 147 फ्रंटलाइन वर्कर हैं। इसके अलावा 39 लाख 77 हजार 407 हेल्थकेयर और 5 लाख 82 हजार 118 फ्रंटलाइन वर्करों को सेकंड डोज मिल चुकी है।

इसके अलावा अब तक किसी बीमारी से पीड़ित 45 साल के ऊपर के 9 लाख 29 हजार 359 लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है। इसके अलावा 60 साल के ऊपर के 55 लाख 99 हजार 144 लोगों को टीका दिया जा चुका है।

भारत में 16 जनवरी को शुरू हुआ था टीकाकरण अभियान: भारत में कोरोनावायरस वैक्सीन लगने की शुरुआत 16 जनवरी से शुरू हुई थी। पहले चरण में कुछ दिनों के लिए इसे स्वास्थ्यकर्मियों के लिए सीमित रखा गया था। बाद में 2 फरवरी से फ्रंटलाइन वर्करों को भी वैक्सीन मिलना शुरू हो गई।