नरेंद्र मोदी सरकार का दावा है कि अपने पहले साल में ही उसने यूपीए शासन के दौरान ध्वस्त हो चुके प्रधानमंत्री के कद और इस पद की विश्वसनीयता व गरिमा को बहाल किया व शासन से बाहर बने ताकतवर सत्ता तंत्र को ध्वस्त किया है।

इस महीने की 26 तारीख को मोदी सरकार का एक साल पूरा होने के अवसर पर भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक विशेष संवाददाता सम्मेलन में पार्टी के वरिष्ठ नेता और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि यह वर्ष निश्चित तौर पर प्रधानमंत्री का है। यूपीए सरकार ने प्रधानमंत्री के पद को छोटा करने का प्रयास किया था और सत्ता का केंद्र सरकार से बाहर था, उस व्यवस्था को हमने ध्वस्त किया।

इस सवाल पर कि मोदी ने चुनाव में जिन अच्छे दिनों का वादा किया था, क्या वे आ गए, जेटली ने कहा कि देश में भ्रष्टाचार का हटना, निर्णायक सरकार बनना, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि बेहतर होना, अर्थव्यवस्था का निराशा से निकलना अच्छे दिनों के आने का ही द्योतक है। हालांकि उन्होंने माना कि मोदी सरकार के कुछ मंत्रियों और भाजपा के व्यापक परिवार के कुछ लोगों का विवादास्पद बयान देना एक समस्या है। मोदी सरकार में अल्पसंख्यक समुदायों के विश्वास के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पिछला एक साल सामाजिक सद्भाव की दृष्टि से अच्छा रहा। सरकार का प्रयास रहा कि तनाव नहीं होने पाए। कुछ ने बयान दिए लेकिन उच्च स्तर पर उन्हें समझाया गया।

जेटली ने कहा कि पिछला एक साल भाजपा के लिए ऐतिहासिक रहा और इतिहास में पहली बार पार्टी ने लोकसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत पाया। भाजपा देश की राजनीतिक का केंद्रीय बिंदु बन गई है। वह भारतीय राजनीति का एक ध्रुव बन गई है। इसलिए देश में राजनीति अब भाजपा समर्थक या भाजपा विरोधी हो गई है।

वित्त मंत्री ने कहा कि बिहार में भाजपा के सत्ता में आने का भय उसके प्रतिद्वंद्वियों में इस कदर घर कर गया है कि उसे रोकने के प्रयास में वहां ‘जेल जाने वाले और जेल भेजने वाले’ एक हो गए हैं लेकिन भाजपा अपने बूते या अपने सहयोगी की मदद से वहां सरकार बनाएगी। उन्होंने कहा कि बिहार में हमारे विरोधियों में बौखलाहट इस हद तक पहुंच गई है कि हमें रोकने के लिए वे अव्यावहारिक गठबंधन कर रहे हैं। लेकिन हमें विश्वास है कि बिहार वह अगला राज्य होगा जहां हम अपनी ताकत और सहयोगियों से मिलकर सरकार बनाएंगे।

जेटली ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस से भाजपा की नजदीकियां बढ़ने की संभावना से सीधे इनकार करते हुए उन्होने कहा कि दोनों दल एक दूसरे के विरोधी हैं और रहेंगे। उन्हें नहीं लगता कि भूमि अधिग्रहण कानून पर ममता केंद्र को समर्थन देंगी।

सरकार की पहली सालगिरह की पूर्वसंध्या पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 मई को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की नगरी मथुरा में एक विशाल रैली को संबोधित करेंगे और 26 मई को चौबीसों घंटे चलने वाले ‘किसान चैनल’ का दिल्ली के विज्ञान भवन में लोकार्पण करेंगे। सालगिरह को 26 मई से 31 मई तक देश भर में ‘जनकल्याण पर्व’ के रूप में मनाया जाएगा। इस दौरान पूरे देश में 2300 बड़ी रैलियां और 5000 सार्वजनिक सभाएं होंगीं, जिनमें सभी केंद्रीय मंत्री, पार्टी सांसद और पार्टी के मुख्यमंत्री और विधायक हिस्सा लेंगे।