भाजपा के सीनियर नेता और केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने बुधवार को कहा कि इस्लामिक आतंकवाद ने दुनिया भर के ईसाई चर्चों को बहुत नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने इराक, सीरिया और श्रीलंका में ईसाइयों पर हुए अत्याचार का उदाहरण दिया। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “ईराक, सीरिया और यहां तक ​​कि भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका में भी ईसाईयों का काफी खून बहा है।”

विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि श्रीलंका में 2018 में ईस्टर के दिन इस्लामिक चरमपंथियों द्वारा ईसाइयों का नरसंहार किया गया था, जबकि उस समय पोप फ्रांसिस ने सभी से भाईचारा बनाये रखने के लिए आह्वान किया था। बता दें कि वी मुरलीधरन ने कन्नूर के थालास्सेरी में आर्कबिशप जोसेफ पैम्पलानी के एक सम्मान समारोह को संबोधित करने के दौरान ये बातें कहीं।

मुरलीधरन ने कहा कि अगर चर्च को इस्लामी आतंकवाद के बारे में चिंता है तो इसमें कुछ भी असामान्य नहीं है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार चर्च की इन चिंताओं पर नजर बनाए हुए है। उन्होंने कहा कि केंद्र अपने द्वारा उठाए गए मुद्दों के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण नहीं अपनाएगा।

मुरलीधरन ने वाम दलों पर भी तंज कसते हुए कहा कि माकपा नेता जॉर्ज एम थॉमस और वाम सहयोगी केरल कांग्रेस (एम) के अध्यक्ष जोस के मणि ने “लव जिहाद” पर भी अपनी चिंता तो जाहिर की लेकिन उन्हें अपने बयान वापस लेने पड़े।

उन्होंने कहा कि चिंता की बात यह है कि जिहाद शब्द का इस्तेमाल करने पर चर्च के बिशपों पर मामले दर्ज होते हैं। चर्च नेतृत्व के अलावा और कौन कह सकता है कि ईसाई महिलाओं का धर्म परिवर्तित करना एक सोची समझी साजिश का हिस्सा है? ईसाई महिलाओं को लव जिहाद में फंसाने के कई सबूत हैं। बता दें कि एक चर्च कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री की टिप्पणी केरल में भाजपा की “धार्मिक आतंकवाद” के खिलाफ अभियान शुरू करने के कदम को देखते हुए काफी अहमियत रखती है।

हाल ही में, केरला भाजपा अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने घोषणा की कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 29 अप्रैल को पार्टी की राज्य नेतृत्व की बैठक में भाग लेंगे और “धार्मिक आतंकवाद” का मुकाबला करने के खिलाफ कार्य योजना तैयार करेंगे।