ऐसी चर्चाएं हैं कि मोदी सरकार जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारुख अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला को रिहा करने पर विचार कर रही है। ऐसी खबरें हैं कि सरकार इन दोनों नेताओं को रिहा करने के लिए एक डील पर विचार कर रही है, जिसके तहत इन दोनों नेताओं को रिहाई के बाद कुछ समय के लिए सक्रिय राजनीति से ब्रेक लेंगे। बता दें कि जम्मू कश्मीर में स्थिति का जायजा लेने के लिए शुक्रवार को विदेशी राजनयिकों का दौरा भी हुआ। विदेशी राजनयिकों के दौरे के एक दिन बाद ही फारुख अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला को रिहा करने की चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, सरकार से जुड़े सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी है और जल्द ही इस ऑफर के बारे में फारुख अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला को जानकारी दी जाएगी। सरकारी सूत्रों के अनुसार, ऐसा भी विचार किया गया कि फारुख और उमर अब्दुल्ला को कुछ समय के लिए ब्रिटेन भेज दिया जाए। बताया जा रहा है कि दोनों नेता रिहाई के बाद एजेंट्स के द्वारा अपनी पार्टी का संचालन करेंगे।
बता दें कि बीती 5 अगस्त को सरकार ने जम्मू कश्मीर का विशेषाधिकार समाप्त करते हुए राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था। तभी से ही फारुख अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला नजरबंद हैं।
गौरतलब है कि शुक्रवार को जम्मू कश्मीर सरकार ने हिरासत में रखे गए 26 लोगों को रिहा कर दिया है। हिरासत से रिहा किए गए लोगों में वरिष्ठ वकील नाजिर अहमद रोंगा भी शामिल हैं। रोंगा कश्मीर बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष हैं और अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारुख के करीबी बताए जाते हैं।
शुक्रवार को जम्मू कश्मीर में जारी पाबंदियों पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी हुई। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर प्रशासन को पाबंदियों की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही विचारों की अभिव्यक्ति और व्यवसाय के लिए इंटरनेट को बहाल करने के निर्देश दिए।