देश में संशोधित नागरिकता कानून के विरोध के बीच मोदी सरकार के एक मंत्री ने कहा है कि ‘जो लोग संशोधित नागरिकता कानून का विरोध कर रहे हैं, वो दलित विरोधी हैं।’ शुक्रवार को दिल्ली में आयोजित हुए एक कार्यक्रम के दौरान केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि अधिकांश प्रताड़ित रिफ्यूजी अन्य पिछड़ा वर्ग और दलित समुदाय के हैं, यदि कोई संशोधित नागरिकता कानून का विरोध करता है तो उसे दलित विरोधी और गरीब विरोधी करार देना चाहिए।”

गौरतलब है कि नित्यानंद राय खुद अन्य पिछड़ा वर्ग समुदाय से आते हैं। ओबीसी समुदाय की एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने उक्त बातें कहीं। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि ‘मुट्ठी भर लोग बाहर निकल आए हैं और संशोधित नागरिकता कानून का विरोध कर रहे हैं। ओबीसी लोगों को सिंह के समान गर्जना करनी चाहिए और प्रदर्शनकारियों से ज्यादा तेज आवाज उठानी चाहिए।’

कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री दारा सिंह चौहान भी मौजूद थे। चौहान ने अपने संबोधन में विपक्षी दलों पर बीते 70 सालों से ओबीसी समुदाय का अपमान करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को केन्द्रीय विद्यालयों में ओबीसी छात्रों का आरक्षण देने के लिए बधाई। हमारे पीएम ने सर्जिकल स्ट्राइक का नेतृत्व किया, सीएए लाए, पाकिस्तान से विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को वापस लाए। केवल एक ओबीसी ही ऐसा कर सकता था।”

उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने कहा कि ‘सीएए का विरोध करने वाले लोग ओबीसी और दलित विरोधी हैं और वे नहीं चाहते कि दलित लोग सफल हों। उन्होंने कहा कि दिल्ली के मतदाताओं का लगभग 60 प्रतिशत ओबीसी हैं और आगामी चुनावों में भाजपा को ओबीसी वोट मिलेंगे।’